रेप के आरोपी कुलदीप सेंगर ने उम्रकैद की सजा से बचने के लिए उठाया ये बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में तीस हजारी कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में तीस हजारी कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सेंगर ने अपनी आजीवन कारावास की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए राहत की अपील की है।
तीस हजारी कोर्ट ने कहा कि उसे मौत तक जेल में रखा जाए। भाजपा से निकाले गए सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया गया, जो उसे एक महीने के अंदर जमा करना होगा।
सजा कम करने की अपील पर जिला जज धर्मेश शर्मा ने कहा था, सेंगर ने जो भी किया, वह बिटिया को डराने-धमकाने के लिए किया। हमें नरमी दिखाने वाली कोई परिस्थिति नहीं दिखी। सेंगर लोक सेवक था, उसने लोगों से विश्वासघात किया, इसलिए सजा में कोई मुरव्वत नहीं।
साथ ही अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि उन्नाव की बिटिया को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए जो उनकी मां को मिलेगा।
अदालत ने कहा है कि सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के जीवन को खतरा और उनकी सुरक्षा का हर तीन महीने में आकलन करते रहना होगा।
ये भी पढ़ें...कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा, 25 लाख का जुर्माना
उम्रकैद के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना
उन्नाव रेप केस में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही सेंगर पर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी माना और सजा का ऐलान करते हुए सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं फैसला के वक्त कुलदीप सेंगर जज के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहे. इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया।
ये भी पढ़ें...जानिए गुड़िया गैंगरेप केस के बारे में जिसपर 18 को कोर्ट सुनाएगी फैसला