राजनीतिक मोर्चे पर घिरी योगी सरकार को बचाएंगी रेणुका

कोविड महामारी के दौरान ग्राम पंचायतों में थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर खरीद घोटाला सामने आने के बाद योगी सरकार विपक्षी हमलों में घिरती नजर आ रही है।

Update:2020-09-10 17:31 IST
राजनीतिक मोर्चे पर घिरी योगी सरकार को बचाएंगी रेणुका (file photo)

लखनऊ: कोविड महामारी के दौरान ग्राम पंचायतों में थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर खरीद घोटाला सामने आने के बाद योगी सरकार विपक्षी हमलों में घिरती नजर आ रही है। योगी सरकार ने विपक्ष की धार कुंद करने के लिए वरिष्ठ आईएएस रेणुका कुमार को आगे किया है। इससे पहले सोनभद्र के उम्भा गांव जमीन विवाद में भी उनकी जांच रिपोर्ट सरकार के लिए रक्षा कवच साबित हुई है जिसमें सत्तर साल पुराने जमीन कब्जे के खेल में कांग्रेस नेताओं की भूमिका उजागर हुई थी। पंचायतों का खरीद घोटाला अब योगी सरकार की मौजूदा सबसे बड़ी परेशानी है तो रेणुका कुमार के लिए भी चुनौती है कि क्या वह योगी सरकार को बेदाग बचा पाएंगी।

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भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली योगी सरकार के लिए यह मुश्किल भरा समय है

भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली योगी सरकार के लिए यह मुश्किल भरा समय है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ रहे हैं। अस्पतालों में ठीक से इलाज नहीं मिलने की शिकायतें आम हो रही हैं। अस्पतालों से छलांग लगाकर मौत को कुबूल करने वाले और संक्रमित महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं ने योगी सरकार की रात-दिन की जा रही मेहनत पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

जिलाधिकारी और सीएमओ भी आमने- सामने आकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं

हाल यह है कि जिलाधिकारी और सीएमओ भी आमने- सामने आकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में जिस तरह से सुल्तानपुर, गाजीपुर, उन्नाव समेत कई जिलों में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर समेत अन्य उपकरणों को बाजार मूल्य से भी अधिक दर पर खरीदने की शिकायतें आई हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी स्वास्थ्य उपकरणों को तीन गुना से भी ज्यादा दर पर खरीद का आरोप लगाया है। उन्होंने सीबीआई निदेशक को जांच के लिए चिठ्ठी लिखी है और संसद में भी मामला उठाने की बात कही है। ऐसे में योगी सरकार के लिए बेहद जरूरी हो गया है कि वह पूरे मामले की तह तक जाकर हकीकत उजागर करे और दोषी लोगों पर विधिक कार्रवाई की जाए।

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स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम से जांच कराने का फैसला करने पर सीएम ने रेणुका कुमार का चयन किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायत खरीद घोटाला को विपक्ष के मुद्दा बनाने से पहले जांच कराने का फैसला कर लिया है। स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम से जांच कराने का फैसला करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेणुका कुमार का चयन किया है। वह इससे पहले सोनभद्र के उम्भा गांव कांड के बाद विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों की धार बेअसर करने में भी सरकार की मददगार साबित हुई हैं। राजस्व और वन विभाग के विवाद में उन्होंने सरकारी अधिकारियों को भी नहीं बक्शा। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि घोटाले में लिप्त पंचायत विभाग के अधिकारी भी उनकी जांच में बच नहीं पाएंगे। इससे योगी सरकार का भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का एजेंडा भी सधेगा और विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग भी बेअसर हो जाएगी।

अखिलेश तिवारी

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