रिटायर टीचरों की पुनर्नियुक्ति शासनादेश को चुनौती, कोर्ट ने मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के सेवा निवृत्त 70 साल से कम आयु के अध्यापकों की पुनर्नियुक्ति शासनादेश 26 अक्टूबर 2017 की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 7 मा

Update: 2018-02-22 14:10 GMT

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के सेवा निवृत्त 70 साल से कम आयु के अध्यापकों की पुनर्नियुक्ति शासनादेश 26 अक्टूबर 2017 की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 7 मार्च को होगी। यह आदेश जस्टिस एम.सी. त्रिपाठी ने जौनपुर के अरुण कुमार व तीन अन्य की याचिका पर दिया है।

याची अधिवक्ता का कहना है कि याचीगण की नियुक्ति प्रबन्ध समिति ने 7 जनवरी 2018 को खाली पदों पर की है। जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर ने 26 अक्टूबर के शासनादेश का हवाला देते हुए वित्तीय अनुमोदन देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने शासनादेश को प्रथम दृष्टया सही नहीं माना और राज्य सरकार को अपना विधिक पक्ष जबाबी हलफनामे के साथ रखने का निर्देश दिया। शासनादेश के तहत सेवानिवृत्त लेक्चरर व एल.टी. ग्रेड सहायक अध्यापकों, जिनकी उम्र 70 साल से कम है, नियुक्त करने की व्यवस्था की गयी है।

याची अधिवक्ता का तर्क है कि शासनादेश उ.प्र. माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड की धारा 16 के प्रावधानों के विपरीत है जिसे रद्द किया जाय।

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