महोबा: एक ओर प्रदेश सरकार किसानों की कर्जमाफी की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर इसकी जमीनी हकीकत यह है कि किसान कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आत्महत्या करने को मजबूर हैं। बुंदेलखंड के महोबा में एक महिला किसान ने कर्ज से तंग आकर फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई।
महिला के ऊपर बैंक का एक लाख 85 हजार रुपए सहित साहूकारों का तक़रीबन 4 लाख रुपए कर्ज था। कर्ज की आदायगी न होने से वो परेशान थी और आख़िरकार उसने मौत का रास्ता चुन लिया।
क्या है पूरा मामला
-प्रदेश की योगी सरकार किसानों के कर्जमाफ़ी का झुनझुना बजा रही है।
-फसली ऋण माफ़ करने से भी किसानों का कोई भला नहीं हो रहा।
-नतीजन आज भी बुंदेलखंड में कर्जदार किसान मौत को गले लगाने के लिए मजबूर हैं।
-फिर एक महिला किसान ने कर्ज से तंग आकर अपनी जान दे दी।
-दरअसल अजनर थाना क्षेत्र के स्यावन गांव निवासी चंद्रभान की 38 वर्षीय पत्नि राममूर्ति पति के साथ ही किसानी का काम करती थी।
-राममूर्ति के नाम 7 एकड़ भूमि है। इस भूमि पर खेती कर वह अपने परिवार को पाल रही थी।
-चार बच्चों की परवरिश की और एक लड़की सहित अपने तीन बच्चों का विवाह भी कर दिया।
-पूर्व में सूखे से घर हालात ख़राब हो गए तो उसने इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक से एक लाख 85 हजार रुपए कर्ज ले लिया।
-वहीं गांव में मकान खरीदने के लिए गांव के साहूकारों से 4 लाख रुपए का कर्ज ले रखा था।
साहूकार करते थे परेशान
-इसी कर्ज को लेकर आए दिन साहूकार परेशान करने लगे और बैंक कर्मी भी कर्ज अदा करने का दबाब डालने लगे।
-इसी बात से परेशान राममूर्ति ने घर में फांसी का फंदा डालकर उस समय आत्महत्या कर ली।
-जब परिजन घर में सो रहे थे। देर रात जब राममूर्ति का लड़का अपनी पत्नी को दिखाकर झांसी से लौटा, तो मां को फांसी के फंदे में लटका देख चीख पड़ा।
-शोर सुनकर परिवार और गांव के लोग इकठ्ठा हो गए। खुदखुशी करने की सूचना थाना पुलिस को दी गई।
-वहीं सीओ कुलपहाड़ विनोद सिंह भी मौके पर पहुंच गए।
-घटना की सूचना पर एडीएम आनंद कुमार और तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए।
-पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।