कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने से रोष, निदेशक कार्यालय का घेराव करेंगे कर्मचारी
राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कर्मचारियों में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एस्मा लगाए जाने से काफी रोष है। सरकार के इस फैसले का सभी कर्मचारियों ने विरोध किया है।कोई भी कर्मचारी इस फैसले के पक्ष में नहीं है। गुरुवार को कर्मचारी संघ के महामन्त्री सच्चितानन्द मिश्रा ने यह जानकारी दी है।
लखनऊ : राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कर्मचारियों में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एस्मा लगाए जाने से काफी रोष है। सरकार के इस फैसले का सभी कर्मचारियों ने विरोध किया है।कोई भी कर्मचारी इस फैसले के पक्ष में नहीं है। गुरुवार को कर्मचारी संघ के महामन्त्री सच्चितानन्द मिश्रा ने यह जानकारी दी है।उन्होंने बताया कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में काम करने वाले लगभग सभी कर्मचारी इससे नाराज हैं।
संविदा कर्मचारी कई सालों से अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। लेकिन फिर भी प्रशासन और सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अभी तक कर्मचारियों को ना तो उनके काम के मुताबिक वेतन मिला है और न ही कर्मचारियों का समायोजन हो पाया है। संविदा कर्मचारी संघ द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था और 5 सूत्रीय मांग पत्र दिया गया था।एक महीने बाद भी इसका निपटारा नहीं हो सका। इस मामले को लेकर दो बार कमेटी भी बनी लेकिन फिर भी कर्मचारियों के हक में फैसला नहीं आया।
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निदेशक कार्यालय का घेराव करेंगे कर्मचारी
नाराज कर्मचारियों ने तय किया है कि वह अगले सप्ताह निदेशक कार्यालय का घेराव करेंगे। वहीं संघ पदाधिकारियों का कहना है कि एस्मा लगा देने से उनके हक की लड़ाई खत्म नहीं होगी। अपने हकों के लिए वह लगातार कोशिश करते रहेंगे।
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क्या है एस्मा
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए एस्मा लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा का नियम अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है। एस्मा लागू होने के बाद कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है। एस्मा लागू होने के बाद इस आदेश की अनदेखी करने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
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