SO SAD: काम ना आई दुआ, रेयरेस्ट बीमारी से पीड़ित ध्रुव ने कहा अलविदा

Update:2016-02-21 22:41 IST

लखनऊ: राजधानी के सहारा हॉस्पिटल में कई दिनों से एडमिट नौ साल के ध्रुव ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। ध्रुव नींद में सांस लेना भूल जाता था। रेयरेस्ट बीमारी की वजह से उसका वजन भी 70 किलोग्राम हो चुका था। 2010 में भी वह कोमा में चला गया था। रेस्पि‍रेट्री फेल्योर की वजह से वह फिर वेंटीलेटर पर था।

कौन सी है बीमारी ?

-फैजाबाद के ध्रुव सिंह को रैपि‍ड ऑनसेट ओबेसि‍टी वि‍द हाइपोथैलेमि‍क हाइपोवेंटि‍लेशन एंड ऑटोनोमि‍क डि‍सरेग्‍युलेशन (ROHHAD) सिंड्रोम थी।

-वह पांच साल पहले इस बीमारी की चपेट में आया था। 2010 में भी उसे संजय गांधी मेडिकल इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था।

-इस बीमारी की वजह से उसका वजन भी अनियंत्रित ढंग से बढ़ गया था।

भारत में ये दूसरा केस

- इस सिंड्रोम से पूरी दुनिया में करीब 100 बच्चे पीड़ित हैं।

-भारत में ये दूसरा केस बताया जाता है। इससे पहले एक लड़की इसी बीमारी से पीड़ित थी।

सोते समय लगानी पड़ती थी मशीन

-ध्रुव सिंह कई बार सोते समय सांसे लेना कम तो कई बार बंद कर देता था।

-इसलिए सोते समय उसकी नाक में एक मशीन लगाई जाती थी।

-जागते समय उसे यह समस्या नहीं होती थी।

क्यों है ये रेयर डिसीज ?

-पहली बार अमेरिका के एक हॉस्पिटल में 1965 में इस बीमारी की पहचान हुई।

-2007 में इस डिसीज का ROHHAD SYNDROME नाम पड़ा।

-डॉक्टर्स के मुताबिक, इस बीमारी के कारणों का पता अब तक नहीं चल पाया है।

-6 से 12 महीने में 12 पाउंड वजन बढ़ जाता है।

-शरीर का वजन बहुत बढ़ने की वजह फेफड़े दब जाते हैं।

-कई बार ब्रेन सिग्नल देना बंद कर देता है।

-अब तक मेडिकल साइंस कोई इलाज नहीं खोज पाया है।

-ये बीमारी बच्चों में डेढ़ साल की उम्र में हो जाती है। इसका पता दो से चार साल बाद चलता है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण ?

-बच्चे को भूख बहुत लगती है।

-शरीर में सोडियम का लेवल नॉर्मल नहीं रहता है।

-इसमें नवर्स सिस्टम और एंडोक्राइन सिस्टम फेल हो जाता है।

-शरीर का तापमान घटना-बढ़ता रहता है।

-हार्ट रेट गिर जाता है।

-हाथ-पैर ठंडे पढ़ जाते हैं।

-आंतों में ट्यूमर हो जाता है।

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