Lakhimpur News: सपा महिला प्रत्याशी के साथ अभद्रता करने वाले तीनों आरोपियों की जमानत रद्द

कोर्ट ने प्रत्याशी रीतू सिंह के साथ अभद्रता करने वाले तीनों आरोपियों की जमानत याचिका रद्द कर दी|

Report :  Sharad Awasthi
Update:2021-08-10 23:14 IST

प्रियंता गांधी (Google) 

UP Block Election:  उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में ब्लॉक प्रमुख पद के नामांकन के दौरान सपा प्रत्याशी के साथ अभद्रता करने वाले तीनों आरोपियों की जमानत खारिज हो गई है। जिला जज मुकेश मिश्र ने तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी सुनवाई के बाद फैसला सुनवाया|

डीजीसी अरविंद त्रिपाठी के मुताबिक 8 जुलाई को ब्लॉक प्रमुख पद के लिए अपना नामांकन कराने के लिए सपा प्रत्याशी रीतू सिंह पसगवां ब्लॉक पहुंचीं थीं, जहां सुरक्षा की दृष्टि से एहतियातन पुलिस बल भी लगाया गया था।

पुलिस बल के सामने हुआ हंगामा

वहीं, रीतू सिंह के समर्थन में लखीमपुर जिले से पहुंचे एमएलसी शशांक यादव सहित पार्टी के नेताओं को ब्लॉक कार्यालय पहुंचने से रोकने को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा किया था। काफी हंगामें के बाद जब बड़ी मुश्किल से रीतू सिंह ब्लॉक परिसर में नामांकन दाखिल करने अंदर पहुंची, तभी भाजपा कार्यकर्ता बृज सिंह, यश सिंह ने उनका पर्स छीन लिया।

बता दें कि पर्स में 7500 रुपये और सोने का लॉकेट व झाले रखे हुए थे। साथ ही सुमित तिवारी, वासू कटियार और छोटू पंडित ने उनकी साड़ी खींची और अभद्रता की| गौर करने वाली बात यह है कि यह सारा मामला पुलिस बल के सामने ही होता रहा।

रीतू सिंह की ओर से पेश हुए अधिवक्ता हरजीत सिंह, धीरेंद्र सिंह, सुरेंद्र कुमार और यदुवेंद्र वर्मा पम्मू ने इसे सत्तादल के इशारे पर हुई घटना बताया। साथ ही इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए सांसद की भूमिका को भी बताया। वहीं, बचाव पक्ष ने खुद को फंसाए जाने की दलील देते हुए इसे साजिश करार दिया।

आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज

जज मुकेश मिश्र ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। देर शाम जमानत खारिज का आदेश देते हुए बृज कुमार सिंह, यश वर्मा और सुमित तिवारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

प्रियंका गांधी ने बंधाया था ढांढस

ब्लॉक प्रमुख चुनाव में महिला प्रत्याशी के साथ हुई अभद्रता के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी लखीमपुर दौरे पर उनसे मिली। जिसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर दु:शसान कांड के नाम से काफी ट्रोल हुआ था। वहीं विपक्षी दल ने अदालती फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए इसे इंसाफ की जीत बताया है।

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