लखीमपुर हिंसा पर बड़ा खुलासा: मंत्री के बेटे आशीष और दोस्त की राइफल से चलाई गई थी गोली, आ गई FSL रिपोर्ट

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और उसके करीबी अंकित दास के लाइसेंसी राइफल की बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है। इससे साफ हो गया है कि तिकुनिया में हिंसा के दौरान लाइसेंसी असलहे से फायरिंग भी की गई थी।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-11-09 12:18 IST

मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मिली जमानत। 

Lakhimpur Violence: लखीमपुर हिंसा मामले (lakhimpur violence update) बड़ा खुलासा हुआ है। फॉरेंसिक लैब से बैलिस्टिक रिपोर्ट आ गई है। इसमें फायरिंग की पुष्टि हुई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Minister Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा (ashish mishra) और उसके करीबी अंकित दास के लाइसेंसी असलहा की बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है। इससे साफ हो गया है कि तिकुनिया में हिंसा (lakhimpur violence update) के दौरान लाइसेंसी असलहे से फायरिंग भी की गई थी।

दरअसल, पुलिस ने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी (Minister Ajay Mishra) के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (ashish mishra) और उसके दोस्त अंकित दास के चार असलहों को जब्त किया था। इसमें अंकित दास की रिपीटर गन, पिस्टल और आशीष मिश्रा (ashish mishra) की राइफल और रिवाल्वर शामिल थी। पुलिस ने चारों असलहों की FSL रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में इन असलहों से फायरिंग की पुष्टि हुई है। हालांकि अभी कोई भी अधिकारी बोलने से कतरा रहा है।

एफएसएल रिपोर्ट में साफ हो गया है कि आशीष मिश्रा (ashish mishra) के लाइसेंसी असलहे से फायरिंग की गई थी, लेकिन अभी साफ नहीं हो पाया है कि फायरिंग राइफल से हुई थी या रिवॉल्वर से। फिलहाल फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद अब आशीष मिश्रा (ashish mishra) और अंकित दास (Ankit Das) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. फिलहाल दोनों जेल में बंद हैं।

लखीमपुर में 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा

3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Minister Ajay Mishra Teni) का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी और हिंसा भड़क गई थी। आरोप है कि हिंसा (lakhimpur violence update) के दौरान किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इसमें एक पत्रकार भी मारा गया था। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Minister Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (ashish mishra) समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था। फिलहाल सभी जेल में बंद हैं।

वहीं, बीजेपी कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मारने के आरोप में कुछ किसानों को भी गिरफ्तार किया गया है। किसानों को कुचलने के इस मामले में काफी तूल पकड़ा और इस पर जमकर सियासत भी हुई। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा, जहां कल (8 नवंबर) को सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार भी लगी है।

रिटायर्ड जज के निगरानी में होगी जांच

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सुनवाई के दौरान साफ-साफ कहा कि उसे मामले की जांच कर रही SIT टीम पर भरोसा नहीं है, इसलिए जांच की निगरानी के लिए रिटायर्ड जज की नियुक्ति जरूरी है। इसके अलावा कोर्ट ने FIR में हो रहे घालमेल पर भी आपत्ति जताई और कहा कि जांच दल खास आरोपी के बचाव में सबूत जुटा रहा है।

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