बड़ा फैसला RSS-VHP का! अब इस दिन नहीं मनाया जाएगा 'शौर्य दिवस'

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपना हर कदम बहुत ही सावधानी के साथ रखना चाहता है। इसी के मद्देनजर इस बार 6 दिसंबर को शौर्य दिवस का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है।

Update:2019-11-28 16:22 IST
बड़ा फैसला RSS-VHP का! अब इस दिन नहीं मनाया जाएगा 'शौर्य दिवस'

लखनऊ: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपना हर कदम बहुत ही सावधानी के साथ रखना चाहता है। इसी के मद्देनजर इस बार 6 दिसंबर को शौर्य दिवस का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है। आरएसएस के सूत्रों के अनुसार, राममंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जिस तरह शांतिपूर्ण माहौल रहा है, वैसा ही आगे भी बना रहे. इसलिए ये फैसला लिया गया है। इसलिए संघ ने अपने अनुषांगिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) को अलर्ट पर रखा है।

इसलिए लिया ये फैसला

शौर्य दिवस के उत्साह की वजह से कोई ऐसी घटना न घट जाए, जिसे लेकर एक विवाद खड़ा हो और राममंदिर मामले में कुछ खट्टास आए, इसलिए संघ ने शौर्य दिवस न मनाने का फैसला किया है

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पुनर्विचार याचिका पर भी बोलने से किया मना

इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ये भी चाहता है कि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम समुदाय के अधिकांश लोगों ने जिस तरह से इस फैसले को अपनाया है, इसके मद्देनजर कोई असंयत बयानबाजी न हो। इसी वजह से सभी को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से पुनर्विचार याचिका पर भी बोलने से मना किया गया है। दोनों संगठन चाहते हैं कि, इस मामले में कुछ भी ऐसा न हो, जिससे कि मुस्लिम समुदाय के दिल में कोई भी आशंका पैदा हो। इसलिए संगठन बहुत ही सावधानी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब मंदिर निमार्ण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसलिए विहिप के पदाधिकारियों ने 6 दिसम्बर को शौर्य दिवस के इस कार्यक्रम को स्थागित कर दिया है।

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उन्होंने कहा कि, विहिप पदाधिकारियों ने शौर्य दिवस के कार्यक्रम को स्थगित करने के अपने इस फैसले से देश मे शांति और सद्भाव को बल प्रदान किया है। शरद शर्मा ने कहा कि, विहिप ये नहीं चाहती कि सुप्रीम कोर्ट के इतने बड़े फैसले को हम दो चार घंटे में ही सीमित कर दें।

उन्होंने आगे कहा कि, 6 दिसंबर की घटना हिंदुओं को हमेशा स्वाभिमान और सम्मान का स्मरण कराती रहेगी। इन्होंने बताया कि, इस बार विश्व हिंदू परिषद 6 दिसंबर को ढांचा ध्वंस की 28वीं बरसी पर शौर्य दिवस के जगह मठ-मंदिरों और घरों में दीप प्रज्वलित करेगी।

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