मोहन भागवत के बयान पर बिफरीं मायावती, लगाए ये गंभीर आरोप

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-07-05 09:32 GMT

लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने भागवत के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि संघ प्रमुख का बयान 'मुंह में राम, बगल में छूरी' जैसा है। इसी के साथ उन्होंने बीजेपी को भी लपेटते हुए कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें चल रही हैं, आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि मोहन भागवत का दिया गया बयान किसी के गले नहीं उतर रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस, बीजेपी एंड कंपनी के कथनी और करनी में काफी अंतर है। उन्होंने कहा कि राजनीति को विभाजनकारी बताकर कोसने वाी संघ प्रमुख को सोचना चाहिए कि बीजेपी सरकारों की वजह से जातिवाद, राजनीतिक द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा की बाढ़ सी आ गई है।

मायावती ने कहा कि 'मुंह में राम, बगल में छुरी' के चलते पूरे प्रदेश में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा बसपा हमेशा से आरएसएस की नीतियों का विरोध करती आ रही है। बीजेपी का बिना आरएसएस के कोई आस्तित्व नहीं है, फिर भी वह भाजपा सरकारों से पता नहीं क्यूं अपनी बातों को लागू नहीं करवा पा रही। उन्होंने कहा कि आरएसएस के कथनी और करनी में बहुत अंतर है। ये लोग जो कहते हैं, करते ठीक उसका उल्टा हैं।

उन्होंने कहा कि जो लोग धर्म परिवर्तन कराने में लगे हैं, उनपर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन ये लोग जानबूझकर उसे हिंदू-मुस्लिम करने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा इसके लिए मुस्लिम समाज को शक के नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। बता दें कि रविवार को गाजियाबाद मं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया था कि यहां के हिंदू और भारतीय मुस्लिमों का डीएनए एक है, कोई अलग नहीं है। ऐसे में जो लोग यह चाहते हैं कि मुसलमान यहां नहीं रहे, वह हिंदू नहीं हो सकता।

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