UP News: ओवर स्पीड में स्कूली वैन मिलने पर विद्यालय की मान्यता होगी रद्द, एक घंटे से अधिक नहीं करा सकते सफर
UP News: जल्द ही परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा ऐसे स्कूली वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
UP News: प्रदेश में आएदिन हो रहे स्कूली वाहनों के दुर्घटना को रोकने के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। अब अगर स्कूली वाहन की स्पीड लिमिट पार करती है तो संबंधित स्कूल की मान्यता समाप्त करने के लिए परिवहन विभाग संस्तुति करेगा। परिवहन विभाग संस्तुति बीएस एवं एन्य शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में करेगा।
स्कूली वाहनों की अधिकतम रफ्तार 40km/ph
जल्द ही परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा ऐसे स्कूली वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। अब स्कूली वैन या बस अधिकतम 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। बता दें कि यह आदेश बहोत पहले ही दिया जा चुका था। लेकिन की स्कूल इसको फॉलो नहीं कर रहे। अब अभियान तेज कर दी गई है।
फिटनेस टेस्ट कराने आने वाले स्कूली वाहनों से खुलाशा हुआ है कि इन वाहनों में स्पीड गवर्नर के छेछाड़ के केस बढ़े हैं। कई बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी स्कूली वाहन स्वामी बाज नहीं आ रहे हैं। लेकिन अब आरटीओ प्रवर्तन की टीम सख्त हो गई है। जल्द ही व्यापक अभियान चलाकर स्कूली वाहनों की चेकिंग की जाएगी। इस दौरान यदि कोई सुकूली वाहन निर्धारित गति से अधिक तेजी से चलती मिली तो उस विद्यालय की मान्यता रद्द करने के लिए चिट्ठी लिखी जाएगी।
घर और स्कूल में अधिकतम दूरी एक घटें की
प्रदेश सरकार ओर से सभी विद्यालयों को नोटिस जारी की गई है कि स्कूल और छात्र-छात्रा का घर एक घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि बच्चे का घर ज्यादा दूर है तो उसके लिए दूसरी व्यवस्ता करें। क्योंकि बच्चे स्कूली वाहनों में बैठे-बैठे परेशान हो जाते हैं। इसका असर उनके स्वस्थ्य पर भी पड़ता है।
अनफिट वाहनों को तत्काल हटाने के निर्देश
आरटीओ नें अनफिट स्कूली वाहनों के लिए भी नोटिस जारी की है। अनफिट और अपनी आयु पूरी कर चुके वाहनों की संख्या-400 है। उम्र पूरी कर चुके सभी वाहनों को तत्काल हटाने और अनफिट गाड़ियों को फिट कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। अभियान के दौरान अनफिट वाहन मिली तो सीज कर दिया जाएगा।
बच्चों की सुरक्षा के लिए अनुशासित होना जरूरी
आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज एक समाचार पत्र से बात करते हुए बताया कि स्कूली वाहन बेहद संवेदनशील होते हैं। बच्चों को सुरक्षा के लिए इनपर कड़ाई से अनुशासन के लिए इनपर कड़ाई बेहद आवश्यक है। जो विद्यालय बच्चों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील नहीं हैं। उनके विरुद्ध शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा।