ग्रामीणों ने खुद ही बना डाला लकड़ी का पुल

Update: 2023-04-23 12:29 GMT

गोंडा: नेताओं और अफसरों की चौखट पर फरियाद अनसुनी हुई तो ग्रामीणों ने चंदा एकत्र करके खुद ही लकड़ी का पुल बना दिया। जिले के एक गांव के बाशिंदों का यह साहसिक कदम चर्चा का विषय बन हुआ है।

दरअसल, जिले के तरबगंज तहसील क्षेत्र के ऐली परसौली ग्राम पंचायत में घोड़हनपुरवा, विशुनपुरवा और माझा बंधा मजरे के लोग गहरे और तकरीबन 200 मीटर चौड़े नाले को पार करने के लिए नाव का सहारा लेते थे। इन मजरों के हजारों लोग नाव के सहारे नवाबगंज बाजार आते-जाते थे और बच्चों का भी स्कूल नाव से ही आना-जाना होता था।

क्षेत्रीय ग्रामीणों ने प्रशासन के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कई बार इस नाले पर पुल बनाने की मांग की लेकिन सिवाय आश्वासनों के कोई नतीजा नहीं निकला। जब हर जगह उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया तब ग्रामीणों ने खुद ही कुछ करने की ठानी। सब लोगों ने एकजुटता दिखाते हुए चंदा इक्क्ठा किया और लगभग दो लाख रुपए की लागत से लकड़ी के पुल का निर्माण कर लिया। अब ग्रामीणों को नाव से आने जाने का खतरा नहीं उठाना पड़ता है।

ग्रामीण बांस व बल्ली की सहायता से बने इस पुल से पैदल, साइकिल, मोटर साइकिल से आते जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आयुक्त, डीआईजी, तहसीलदार पूरे अमले के साथ गांव में बाढ़ में समाए हुए स्कूल का निरीक्षण करने आ चुके हैं। लेकिन लगता है कि किसी को भी ये लकड़ी का पुल नहीं दिखाई पड़ा। दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से पुल बनवाने की मांग की गई थी। सभी ने अनसुना कर दिया तब ग्रामीणों ने चंदे से पुल का निर्माण कर लिया।

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