मर्डर करने के बाद बाप बोला- बेटे को सांसारिक कष्टों से मुक्ति दें दी, अब शांति से रहेगा
कानपुर के रुशांक हत्याकांड के बारें में पुलिस का कहना है कि आरोपी अलंकार किसी भी प्रकार का नशा नहीं करता है। वह काफी पढ़ा लिखा है, उसने अचानक ऐसी वारदात को क्यों अंजाम दिया। इसकी जांच की जांच जा रही है।
लखनऊ: कानपुर के रुशांक हत्याकांड के बारें में जो कोई भी सुनकर रहा है। उसका कलेजा दर्द से कांप उठा रहा है। सात साल के रुशांक को खुद उसके पिता अलंकार श्रीवास्तव ने ही मौत की नींद सुला दिया।
आरोपी पिता अलंकार श्रीवास्तव की बातें सुन पुलिस, मजिस्ट्रेट और जेल अफसर हैरान हैं। जब भी किसी ने सवाल किया कि बेटे को क्यों मारा? तो उसने बड़े ही सधे तरीके से बोला, सांसारिक ठोकरों से बेटे को मुक्ति दिला दी है। अब शांति से रहेगा। ये बात सुनकर हर कोई दंग रह गया।
पुलिस की मानें तो ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे आरोपी अपने जीवन में कई मामलों में असफल हुआ है। जिससे उसको अथाह पीड़ा हुई हो। हो सकता है इस वजह से वह अवसाद का शिकार हो गया हो।
अत्यधिक मानसिक तनाव की वजह से उसे ऐसा लग रहा हो जैसे उसका बेटा आगे चलकर बड़ा होने पर सांसारिक कष्टों को नहीं सह पायेगा।
यही सनक उसके दिल और दिमाग में चढ़ गई। जिस वजह से उसने बेटे को मौत को मौत की नींद सुला दिया। जबकि जांच का एक एंगल तंत्र-मंत्र भी है।
ऐसा भी हो सकता है कि उसने इस तरह का घातक कदम किसी तंत्र मन्त्र के चक्कर में फंसकर किया हो, फिलहाल पुलिस अब इस पूरे मामले को बहुत ही बारीकी से देख रही है।
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सीडीआर से खुलेगा राज
पुलिस अलंकार के नंबर की सीडीआर खंगाल रही है। एसपी पश्चिम ने बताया कि अगर कुछ संदिग्ध मिलता है तो उसकी विस्तार से जांच होगी।
बताते चलें कि कई साल पहले बर्रा में एक युवती के सुसाइड करने के बाद उसके मोबाइल नंबर की सीडीआर निकालने पर एक तांत्रिक का नंबर मिला था।
जांच करने पर मालूम पड़ा कि युवती तांत्रिक के जाल में फंसी हुई थी। तांत्रिक ने उससे कहा कि फांसी लगा लो, इससे वो नहीं बल्कि उसकी सौतन मर जाएगी। इस तरह उस घटना को अंजाम दिया गया।
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एकांत में पहुंचा अलंकार, हुआ मेडिकल
पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अलंकार ने जिस तरह इस घटना को अंजाम दिया, इससे खतरा है कि वो किसी और को शिकार न बना ले।
इसलिए उसको अस्थायी जेल में बिल्कुल अलग रखा गया है। जेल प्रशासन ने मेडिकल कराया है। एसपी ने बताया कि जेल प्रशासन से समन्वय बैठाकर आरोपी का इलाज सोमवार से शुरू कराया जाएगा।
क्या कहती है पुलिस
इस पूरे घटना क्रम पर पुलिस का कहना है कि आरोपी अलंकार किसी भी प्रकार का नशा नहीं करता है। वह काफी पढ़ा लिखा है, उसने अचानक ऐसी वारदात को क्यों अंजाम दिया। इसकी जांच की जांच जा रही है।
पड़ोसियों ने कही ये बात
वहीं पड़ोसियों ने बताया कि अलंकार ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करता था। खासकर पिछले आठ-दस माह से ज्यादातर गुमसुम रहता था।
पत्नी ने कही ये बात
उधर श्रीवास्तव परिवार की खुशियां बिखर चुकी है। घर के अंदर मातम पसरा हुआ है। सारिका का एकलौता बेटा चला गया। पति भी अब जेल में हैं। घर पर केवल दो बेटियां हैं। शायद यही वजह है कि वो वारदात के बाद एफआईआर दर्ज नहीं करवाना चाहती थी।
पुलिस ने बताया कि उनका कहना है कि डिप्रेशन में अलंकार ने ऐसा किया है। बेटा तो चला गया कम से कम पति तो बच जाए। क्योंकि अब उनके पास खोने को कुछ भी नहीं बचा है।
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