Uttar Pradesh: सहारनपुर में प्रशासन ने ₹21 लाख में नीलाम की मजदूरों की साइकिल, कोरोना लॉकडाउन के दौरान का मामला
Saharanpur: लॉकडाउन के दौरान मजदूरों द्वारा छोड़ी गई कुल साइकिलों को जिला प्रशासन ने ₹21 लाख में बेच दिया है और प्रशासन के मुताबिक जिन की भी साइकिलें थीं उनसे सम्बंधित रकम उनतक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
Saharanpur: कोरोना महामारी के दौरान लाखों प्रवासी मजदूरों ने बेहद ही मुसीबत का सामना करते हुए विपरीत परिस्थितियों में हज़ारों किलोमीटर का सफर दिया गया। प्रवासी मजदूर और महामारी व लॉकडाउन के चलते अपना ठिकाना छोड़ने को मजबूर लोगों की कहानियां दिन-रात टीवी, अखबारों और सोशल मीडिया पर दौड़ती रही लेकिन इसका कोई खास सकारात्मक हल निकलकर सामने आता दिखाई नहीं दियाऔर अंततः महामारी की धीमी पड़ती रफ्तार के बीच इस गरीब मजदूरों का मुद्दा भी धीरे हो गया। लेकिन अब एक बार फिर कोविड लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूरों से जुड़ा एक मामला सहारनपुर जिले से उजागर हुआ है।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान मजदूरों द्वारा छोड़ी गई कुल साइकिलों को जिला प्रशासन ने ₹21 लाख में बेच दिया है और प्रशासन के मुताबिक जिन की भी साइकिलें थीं उनसे सम्बंधित रकम उनतक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
साइकिल छोड़कर गए मजदूर
जिला प्रशासन द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगने के चलते करीब 2 लाख गरीब लोगों ने सहारनपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास शरण ली थी तथा करीब 20,000 लोग अपनी साइकिल वहीं छोड़कर चले गए थे। हालांकि, इस दौरान करीब 14600 मजदूर तो अपनी साइकिल वापस लेने आए लेकिन लंबे समय तक इंतेज़ार के बावजूद 5400 मजदूरों ने अपनी साइकिल का कोई हाल चाल नहीं लिया।
जिसके बाद अब प्रशासन ने कानूनी रूप से कुल 5400 साइकिलों को ₹21 लाख में नीलाम कर दिया है। इसी के साथ प्रशासन ने साइकिल मालिकों तक उनकी राशि को पहुंचाने में किए जा रहे प्रयास के बारे में भी बताया।
आपको बता दें कि सहारनपुर में शरण लेने वाले यह मजदूर आमतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने 2 ले थे तथा साथ ही यह हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में मजदूरी कर अपना पेट पालते थे। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन ने इन मजदूरों को मुसीबत में डाल दिया और काम बंद होने के चलते सभी अपने घर की ओर रवाना हो गए थे।