एकबार फिर मुस्लिम लड़कियां उलेमा के निशाने पर, जायज-नाजायज पर होगी बहस

Update: 2018-01-31 14:46 GMT

सहारनपुर : शार्ट ड्रेस पहनकर मुस्लिम लड़कियों द्वारा खेल में भाग लेने को उलेमा ने नाजायज करार दिया है। कहा कि खेल ही नहीं आम तौर पर भी जिन कपड़ों को पहनने के बाद महिलाओं के अंग खुले दिखाई दे ऐसे कपड़े पहनना जायज नहीं है।

एक व्यक्ति द्वारा स्कर्ट या मिनी स्कर्ट पहन कर मुस्लिम युवतियों द्वारा खेलों में भाग लेने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उलेमा ने कहा कि महिलाओं के लिए ऐसे कपड़े पहनना जायज नहीं है जिन्हें पहनने के बावजूद उनका जिस्म दिखाई देता रहे।

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उलेमा ने स्पष्ट किया कि इस्लाम में केवल महिलाओं ही नहीं बल्कि पुरुषों के लिए भी कपड़े पहनने के मापदंड मौजूद हैं। फतवा आॅन मोबाइल के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि अगर किसी खेल में ड्रेस कोड के हिसाब से महिलाओं के खुले अंग दिखते हो वह खेल खेलना हराम है।

उन्होंने कहा कि बालिग मुस्लिम लड़कियों को ऐसे खेलों में भाग नहीं लेना चाहिए जिससे बेपर्दी होती हो। अलबत्ता यदि कहीं पर इस तरह का खेल हो रहा हो जिसमें केवल लड़कियां ही भाग ले रही हों और देखने वाला भी कोई पुरुष न हो तो ऐसे खेल की गुंजाइश है। लेकिन जब इस तरह के खेल स्टेडियम या टीवी पर प्रसारित हो रहे हो तो उस वक्त जिस्म की नुमाइश करने या स्कर्ट पहनकर नहीं खेलना चाहिए।

बता दें कि करीब आठ वर्ष पूर्व दारुल उलूम टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की ड्रेस पर भी फतवा जारी कर चुका है।

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