Alok Ranjan: राजनीति के पहले ही मैच में फेल हो गए ब्यूरोक्रेट आलोक रंजन

Alok Ranjan: राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन को हार का सामना करना पड़ा। इस तरह से राजनीति के पहले ही मैच में ब्यूरोक्रेट आलोक रंजन फेल हो गए।

Update:2024-02-27 21:37 IST

यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन: Photo- Social Media

Alok Ranjan: यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन अपने पहले ही राजनीतिक मैच में फेल हो गए। समाजवादी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन आलोक रंजन को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। सपा ने यूपी से राज्यसभा के लिए जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को पार्टी प्रत्याशी बनाया था। जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो आलोक रंजन उनके चीफ एडवाइजर रहे और उन्हें उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

उत्तर प्रदेश में सपा के सत्ता से बाहर होने के बाद से वह पार्टी के साथ जुड़े हैं और ऐसा कहा जाता है कि पार्टी के लिए रणनीतिकार के तौर पर काम करते हैंैै। उनकी गिनती अखिलेश यादव के खास लोगों में होती है। उन्हें अखिलेश का बेहद करीबी बताया जाता है।

दो साल मुख्य सचिव रहे

1978 बैच के आईएएस अधिकारी आलोक रंजन उन्नाव जिले से ताल्लुक रखते हैं। वह दो साल तक उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रहे और 2014 में उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन भी दिया गया और 1 जुलाई, 2016 को वह रिटायर हो गए। इसके बाद उन्हें अखिलेश यादव का चीफ एडवाइजर बनाया गया। फिर यूपीआईडीसी के एमडी की जिम्मेदारी दी गई। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा को हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही आलोक रंजन ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से वह सपा के लिए रणनीतिकार के तौर पर काम कर रहे हैं। आलोक रंजन एक बार और तब चर्चा में रहे, जब उनकी पत्नी सुरभी रंजन को राज्य सरकार ने यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया।

Photo- Social Media

समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार हैं?

-आलोक रंजन समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार हैं। समाजवादी पार्टी में लिखा पढ़ी का काम वे ही करते हैं। मसलन विधानसभा या अन्य मौकों पर सरकार को घेरने के लिए और नीतियों को लेकर अखिलेश यादव जो आंकड़े पेश करते हैं, उनके पीछे आलोक रंजन ही होते हैं।

-2017 का यूपी विधानसभा का चुनाव हारने के बाद जब समाजवादी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई तो आलोक रंजन पार्टी के लिए रणनीतिकार के तौर पर काम करने लगे।

-2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा का घोषणा पत्र भी आलोक रंजन ने ही तैयार किया था। घोषणा पत्र का ड्राफ्ट उन्हीं ने तैयार किया और जब अखिलेश यादव ने घोषणा पत्र जारी किया तब भी आलोक रंजन उनके साथ मौजूद थे।

Tags:    

Similar News