सुलतान बन चुके हैं मुलायम के टीपू, अब बड़ी जीत की तैयारी में मुख्यमंत्री अखिलेश
अखिलेश ने साबित कर दिया कि अब वो ही समाजवादी पार्टी हैं। इसलिए कि वो अपनी सभी बात मनवाने में सफल रहे हैं। अब अखिलेश ये चाहेंगे कि संगठन में उन्हें बडा पद मिले। वो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी हो सकता है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चल रहे हाईवोल्टेज ड्रामे में अखिलेश यादव टीपू सुलतान बन कर उभरे। टीपू सीएम अखिलेश का घर में पुकारे जाना वाला नाम है। उन्होंने साबित कर दिया कि अब सपा का चेहरा वही हैं।
टीपू के हाथों में कमान
समाजवादी पार्टी को अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भले ही पूरी मेहनत से सींच कर खडा किया हो लेकिन अब पार्टी की कमान टीपू के युवा हाथों में है। राज्य का युवा उनके साथ जुडा है ओर उनसे बेपनाह मोहब्बत करता है। यदि ऐसा नहीं होता तो उनके पार्टी से छह साल के निष्कासन की खबर पा कुछ युवा आत्मदाह का प्रयास नहीं करते।
अखिलेश और रामगोपाल ने पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन नए साल के पहले दिन बुला लिया था, जिसे मुलायम सिंह यादव ने ये कह कर असंवैधानिक करार दिया था, कि इसका अधिकार सिर्फ अध्यक्ष को है। जबकि अखिलेश और रामगोपाल अधिवेशन बुलाने पर अड़े हुए थे।
पार्टी अध्यक्ष के साथ आज 31 दिसम्बर को हुई मुलाकात में अखिलेश यादव अपनी ये बात भी मनवाने में सफल रहे कि राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। लिहाजा कल 1 जनवरी को पार्टी का इमरजेंसी राष्ट्रीय अधिवेशन होना तय हो गया है। अधिवेशन जनेश्वर मिश्र पार्क में होगा।
अब और आगे
अखिलेश ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को अधिवेशन में आने को कहा है।
अखिलेश ने साबित कर दिया कि अब वो ही समाजवादी पार्टी हैं। इसलिए कि वो अपनी सभी बात मनवाने में सफल रहे हैं। अब अखिलेश ये चाहेंगे कि संगठन में उन्हें बडा पद मिले। वो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी हो सकता है।
सपा लगातार ये कह रही है कि वो राज्य की 403 सीटों पर चुनाव लडने को तैयार है। अखिलेश ने साफ किया है कि कल होने वाला राष्ट्रीय अधिवेशन कोई कार्यकर्ता सम्मेलन नहीं है। इसमें राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होगी।