जामा मस्जिद प्रकरणः कोर्ट कमिश्नर के सर्वे रिपोर्ट पेश न करने पर भड़के पैनल अधिवक्ता, बोलेः हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

Sambhal News: जामा मस्जिद पैनल की तरफ से अधिवक्ता एडवोकेट कासिम जमाल, मैं जामा मस्जिद की तरफ से अधिवक्ता पैनल में हूं और हम पूरी तरह से तैयार हैं, जैसे आज पहले सर्वे पैनल ने आज तक का समय लिया था, जो भी पैनल या जो भी आज प्रस्तुत करेगा, हम उनकी तरफ से आपत्ति दर्ज कराएंगे।;

Report :  Saddam Hussain
Update:2024-12-09 13:07 IST

जामा मस्जिद प्रकरणः कोर्ट कमिश्नर के सर्वे रिपोर्ट पेश न करने पर भड़के पैनल अधिवक्ता, बोलेः हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे (social media)

Sambhal News: शाही जामा मस्जिद मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा सर्वे रिपोर्ट पेश न करने के मामले में जामा मस्जिद पैनल अधिवक्ता एडवोकेट कासिम जमाल और अधिवक्ता व जामा मस्जिद सचिव मसूद फारूकी ने बयान दिया, हम भी पूरी तरह तैयार हैं, रिपोर्ट पेश की जाए और हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

मसूद फारूकी अधिवक्ता जामा मस्जिद सचिव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कोर्ट कमिश्नर को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करनी है, अगर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की जाती है तो हमें फाइल मिल जाएगी, उसके बाद हम अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे, हमारी तरफ से पूरी तैयारी चल रही है, हमारा पूरा पैनल तैयार है, जामा मस्जिद की तरफ से हमने जो भी डॉक्यूमेंट्री तैयार की है वह तैयार है, एडवोकेट जफर अली जो जामा मस्जिद सदर हैं उनके नेतृत्व में एक पैनल बनाया गया है, 24 नवंबर को एक सर्वे पैनल था जिसे फोटोग्राफी करनी थी और जामा मस्जिद के अंदर देखना था, जिसमें हमने अंदर से कमेटी के लोगों का पूरा सहयोग किया था, लेकिन इसी बीच पुलिस और पब्लिक के बीच विवाद हो गया, कमेटी के सभी लोग अंदर थे, जो भी हुआ बहुत दुखद है और जामा मस्जिद की तरफ से जो भी दस्तावेज तैयार किया जाएगा, हम उस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।

जामा मस्जिद पैनल की तरफ से अधिवक्ता एडवोकेट कासिम जमाल, मैं जामा मस्जिद की तरफ से अधिवक्ता पैनल में हूं और हम पूरी तरह से तैयार हैं, जैसे आज पहले सर्वे पैनल ने आज तक का समय लिया था, जो भी पैनल या जो भी आज प्रस्तुत करेगा, हम उनकी तरफ से आपत्ति दर्ज कराएंगे।

एडवोकेट कासिम जमाल ने कहा कि जिस तरह से एएसआई ने हलफनामा पेश किया है, लेकिन उन्होंने जो आरोप लगाए हैं वो सब गलत हैं, उन्होंने जो भी हलफनामा पेश किया है वो समय से पहले पेश किया है, इसमें हलफनामा पेश करने की तारीख 8 जनवरी है, जिस वजह से उन्होंने पहले ही हलफनामा तैयार कर लिया था, जिससे हमें शक होता है कि जामा मस्जिद में जो भी बदलाव किए गए हैं या आप गलत हैं, अगर ऐसा किया गया है तो ये जामा मस्जिद और एएसआई टीम के बीच का मामला है, उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है, हमारे खिलाफ केस करना उनका अधिकार था, हम इसका जवाब देते, उन्होंने हमारे खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जिससे हम उनको जवाब दे सकें, इससे ही ये साबित होता है कि हमने इसमें ऐसा कोई बदलाव नहीं किया है, ये एएसआई का और हमारा केस है, ये किसी और का नहीं है ये हर 2 साल में लगातार आता रहता है लेकिन आज तक मैंने किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं की है.

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