Sawan Shivratri 2022: मेरठ के औघड़नाथ मंदिर में शिवरात्रि पर उमड़ता है कावंड़ियों का सैलाब

Sawan Shivratri 2022: औघड़नाथ मंदिर कार्यकारिणी के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि 25 ओर 26 जुलाई को औघड़नाथ मंदिर रात भर खुलेगा, क्योंकि 25 को सावन के दूसरे सोमवार का जल चढ़ेगा और 26 को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2022-07-23 13:15 GMT

 Meerut Aughadnath temple (Image: Newstrack) 

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Sawan Shivratri 2022 in Meerut: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के छावनी स्थित औघड़नाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के पर्व पर विशेष व्यवस्थाओं के बीच भक्त भोले बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे। यहां हर वर्ष यहां पर कांवड़ के लिए बड़ा मेला लगता है। लाखों की संख्या में इस मंदिर में कांवड़िए जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। इस बार भी 26 जुलाई को पड़ने वाली शिवरात्रि के लिए तैयारियां की जा रही हैं।

औघड़नाथ मंदिर कार्यकारिणी के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि 25 ओर 26 जुलाई को औघड़नाथ मंदिर रात भर खुलेगा, क्योंकि 25 को सावन के दूसरे सोमवार का जल चढ़ेगा और 26 को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।


श्री औघड़नाथ मंदिर खुद देश का इतिहास सहेजे हुए है। देश का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम यहीं से शुरू हुआ था। दरअसल, सन 1857 के दौर में ब्रिटिश हुकूमत में भारतीय सैनिक (काली पल्टन) यहां मौजूद शिवलिंग की पूजा करने आते थे। इस शिवलिंग का रखरखाव करने वाले पुजारी ने भारतीय सैनिकों को यहां के कुएं का पानी पिलाने से मना किया था, क्योंकि भारतीय सैनिक चर्बीयुक्त कारतूस का बंदूकों में इस्तेमाल किया करते थे। इसी बात को लेकर भारतीय सैनिकों में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की ज्वाला भड़की थी। इसके बाद मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ और यह काली पल्टन मंदिर अब श्री औघड़नाथ मंदिर से जाना जाता है।

पुराने लोग जानते है कि 1944 तक प्रशिक्षण केन्द्र से लगा हुआ वृक्षो के जंगल में छोटा-साफ शिव मन्दिर व उसके पास में कुआं (प्याऊ के रूप) विद्यमान था धीरे-धीरे मन्दिर के उत्थान के विचार से देवधिदेव महादेव प्रलयंकर भगवान शकर की इच्छा एवं प्रेरणा जानकर अक्तूबर 1968 को सायं 5 बजे नवीन मन्दिर का शिलन्यास वैद मंत्रो की तुमुल ध्वनि के मध्य ब्रह्मलीन ज्योतिषीठाधीशवर अनन्तश्री विभूषित जगत गुरू शंकराचार्य कृष्णबोधाश्रम जी के कर कमलो द्वारा सम्पन्न हुआ प्रगति क्रम-परम्परा मे चार वर्ष पश्चात् 13 फरवरी 72 मे नई देव प्रतिमाओं का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव हुआ।

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