लखनऊ: पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के खिलाफ सोमवार को कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त की है। एससी/एसटी कोर्ट के विशेष जज ओमप्रकाश मिश्रा ने पुलिस की ओर से दयाशंकर को गिरफ्तार करने के बावत वारंट जारी करने की मांग वाली अर्जी को मंजूर कर ली। इसके बाद पुलिस के हाथ और खुल गए हैं।
सीओ हजरतगंज ने दी कोर्ट में अर्जी
कोर्ट में अर्जी सीओ हजरतगंज की ओर से दी गई थी। सीओ अशोक कुमार वर्मा ने अपनी अर्जी में कहा कि बीते 20 जुलाई को बसपा के राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर के मुताबिक अभियुक्त दयाशंकर सिंह ने पूर्व सीएम मायावती के विरुद्ध गलत और तथ्यहीन आरोप लगाते हुए उनका अपमान किया और सार्वजनिक मंच से मीडिया के सामने उनके लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया।
दयाशंकर पर दलितों को भड़काने का आरोप
यह भी आरोप है कि दयाशंकर सिंह ने बसपा कार्यकर्ताओं एवं दलित समाज को भड़काने के उद्देश्य से अशोभनीय, निंदनीय और गाली-गलौज जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। अपनी अर्जी में सीओ ने कहा, इस मामले की विवेचना मेरे द्वारा की जा रही है।
अब भी पकड़ से बाहर
विवेचना के दौरान दयाशंकर की गिरफ्तारी के लिए उनके मूल निवास निवास और कैसरबाग स्थित उनके स्थानीय निवास सहित अन्य संभावित ठिकानों पर तलाश और दबिश दी जा रही है, लेकिन वो पकड़ से बाहर है। दयाशंकर सिंह ने अभी तक अदालत में आत्मसमर्पण भी नहीं किया है।
मामला अति महत्वपूर्ण
सीओ ने जोर देकर कहा कि मामला अति महत्वपूर्ण है ऐसी स्थिति में अदालत से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया जाना आवश्यक है। लिहाजा अभियुक्त के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया जाए। अर्जी पर गौर करने के बाद कोर्ट ने पुलिस की अर्जी मंजूर कर ली।