VIDEO: 5 कक्षाएं और 4 छात्र, भ्रष्टाचार ने बस यही छोड़ा है इस सरकारी स्कूल में

कक्षा दो के बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर में एक दिन आगे तक की दर्ज मिली। पूरे स्कूल में भले ही 4 बच्चे हों, लेकिन रजिस्टर में हर कक्षा में बच्चों की खासी तादाद है। मिड डे मील के नाम पर बच्चों को कभी भोजन नहीं मिला और न फ्रूट डे पर कभी कोई फल आया ।कागजों में बच्चों की उपस्थिति दिखा कर इनके हिस्से का खाना प्रधान और अध्यापक हजम कर रहे हैं।

Update: 2016-08-12 11:20 GMT

लखनऊ: सरकारी अधिकारी कैसे सोते रहते हैं और स्कूलों में किस तरह घपलेबाजी होती है, इसकी एक मिसाल हैं राजधानी के प्राइमरी स्कूल। पढ़ाई के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और मिड डे मील में लूटपाट, यही है इन स्कूलों का धंधा।

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चार छात्र-पूरा स्कूल

-राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज स्थित सरई प्राथमिक विद्यालय में केवल चार बच्चे हैं।

-यह स्कूल उन आंकड़ों की पुष्टि करता है कि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों का नामांकन लगातार घट रहा है।

-इसका बहुत बड़ा कारण है सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की बदहाली और भ्रष्टाचार।

-पढ़ाई के नाम पर यहां सिर्फ एक शिक्षा मित्र नियुक्त है, जो सारे काम करता है।

-हैं तो एक प्रधानाध्यापक भी, लेकिन वो कभी स्कूल नहीं आते।

-ऐसे में गांव के लोगों ने अपने बच्चों का नाम कटवा कर दूसरे स्कूलों में लिखवा दिया है।

भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार

-प्रधानाध्यापक कृष्ण प्रकाश महीने में केवल एक दिन आते हैं और रजिस्टर में महीने भर की हाजिरी लगा कर चले जाते हैं।

-यहां तक कि कक्षा दो के बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर में एक दिन आगे तक की दर्ज मिली।

-पूरे स्कूल में भले ही 4 बच्चे हों, लेकिन रजिस्टर में हर कक्षा में बच्चों की खासी तादाद है।

-मिड डे मील के नाम पर बच्चों को कभी भोजन नहीं मिला और न फ्रूट डे पर कभी कोई फल आया

-कागजों में बच्चों की उपस्थिति दिखा कर इनके हिस्से का खाना प्रधान और अध्यापक हजम कर रहे हैं।

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