मनी लांड्रिंग के दूसरे केस में यादव सिंह न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेल

एक स्थानीय अदालत ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एएक्सप्रेस वे के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह को मनी लांड्रिंग के एक दूसरे मामले में न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।

Update: 2017-11-02 20:26 GMT

लखनऊ : एक स्थानीय अदालत ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एएक्सप्रेस वे के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह को मनी लांड्रिंग के एक दूसरे मामले में न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। अपर जिला जज हरीश त्रिपाठी ने यह आदेश ईडी की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है।

ईडी के विशेष वकील केपी सिंह का कहना था कि 30 जुलाई, 2015 को सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपति का एक मामला दर्ज किया था। 29 सितंबर, 2015 को इस मामले में सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।

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जिसमें अप्रैल, 2004 से अगस्त, 2015 के मध्य यादव सिंह पर अपनी आय से 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 रुपए अधिक अर्जित करने का आरोप है। आठ अक्टूबर, 2015 को इसी मामले में ईडी ने भी लखनऊ में यादव सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरु की। कहा गया कि यादव सिंह ने इस रकम का कहां इस्तेमाल किया है व किसे दिया है आदि तथ्यों का पता लगाना है। लिहाजा इस मामले में भी यादव सिंह को न्यायिक हिरासत में लिया जाए। गुरुवार को ईडी की इस अर्जी पर विशेष अदालत में हुई बहस के दौरान यादव सिंह जेल से अदालत में हाजिर था।

विदित हो कि 27 फरवरी, 2017 को भी ईडी ने मनी लांड्रिंग के ही एक मामले में यादव सिंह का न्यायिक रिमांड हासिल किया था। इस मामले में यादव सिंह पर चीफ इंजीनियर रहते हुए गैरकानूनी तरीके से इलेक्ट्रिक केबिल का टेंडर देने का आरोप है। जिसके चलते 19 करोड़ 42 लाख की आर्थिक क्षति हुई। बीते 25 अक्टूबर को मनी लांड्रिंग के इस पहले मामले में यादव सिंह की जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट से मंजूर हो चुकी है। इधर, उसी रोज ईडी की तरफ से अदालत में एक अर्जी दाखिल कर यादव सिंह को इस दूसरे मामले में न्यायिक हिरासत में लेने की मांग की गई थी।

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