CBI जांच के लिए गोल्ड मेडल पाने वाली सीमा पाहूजा करेंगी हाथरस कांड की जांच
सीबीआई की गाजियाबाद टीम ने हाथरस गैंगरेप कांड की जांच अपने हाथ में ले ली है। सीबीआई ने अपनी जिस अधिकारी सीमा पाहूजा को जांच की कमान सौंपी है उन्हें महिलाओं से जुड़े अपराधों की जांच को लेकर बेहद गंभीर और संवेदनशील अधिकारी माना जाता है।
लखनऊ: हाथरस कांड की जांच में सीबीआई निदेशक ने अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम लगाई है। सीबीआई टीम का नेतृत्व करने वाली डीएसपी सीमा पाहूजा को साइंटिफिक तरीके से जांच को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जाना जाता है। 2014 और 2018 में उन्हें अच्छे काम के लिए मेडल देकर सम्मानित भी किया जा चुका है।
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सीबीआई की गाजियाबाद टीम ने हाथरस गैंगरेप कांड की जांच अपने हाथ में ले ली है
सीबीआई की गाजियाबाद टीम ने हाथरस गैंगरेप कांड की जांच अपने हाथ में ले ली है। सीबीआई ने अपनी जिस अधिकारी सीमा पाहूजा को जांच की कमान सौंपी है उन्हें महिलाओं से जुड़े अपराधों की जांच को लेकर बेहद गंभीर और संवेदनशील अधिकारी माना जाता है। 2017 में हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में स्कूल से लौट रही 15 साल की गुड़िया को आधा दर्जन लोगों ने अपना शिकार बनाया और बलात्कार के दौरान उसकी हत्या भी कर डाली। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई तो ब्यूरो की तेज तर्रार अधिकारी सीमा पाहूजा को जांच सौंपी गई।
उन्हें जांच के वैज्ञानिक तरीकों और व्यवसायिक दक्षता के लिए 2014 में पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका था
उन्हें जांच के वैज्ञानिक तरीकों और व्यवसायिक दक्षता के लिए 2014 में पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका था। हिमाचल प्रदेश की एसआईटी इस मामले की जांच में किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी थी और आरोपितों के बयान गुमराह करने वाले साबित हो रहे थे। ऐसे में सीमा पाहूजा को जब जांच मिली तो उन्होंने एक-एक कर पूरे मामले की कड़िया सुलझा लीं।
उनकी जोरदार जांच के बाद आरोपितों को सजा मिली
उनकी जोरदार जांच के बाद आरोपितों को सजा मिली और केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने 2018 में उन्हें अपने उत्कृष्ट जांच कार्य के लिए सम्मान पदक (मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इंवेस्टिगेशन) देकर सम्मानित किया। इन दिनों वह गाजियाबाद सीबीआई टीम के एंटी करप्शन ब्यूरो में तैनात हैं लेकिन इससे पहले स्पेशल क्राइम यूनिट में भी वह लंबे समय तक काम कर चुकी हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वह बेहद ईमानदार, मेहनती और कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में माहिर अधिकारी हैं।
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हाथरस कांड बनेगा अगली चुनौती
शिमला की गुड़िया केस की तरह ही हाथरस गैंगरेप कांड भी बेहद पेचीदा हो चुका है। जिला पुलिस से लेकर यूपी पुलिस की एसआईटी तक सभी ने मामले को अलग-अलग लोगों से इस तरह जोड़ दिया है कि यह बलात्कार की सामान्य जांच तक सीमित नहीं रहा है। आरोपित पक्ष की ओर से भी अलग कहानी सुनाई जा रही है। आरोपितों ने जेल से चिठ्ठी भी लिखी है और आरोपित पक्ष अपना नार्को टेस्ट कराने के लिए भी तैयार है। ऐसे में एसआईटी से जांच लेकर आगे बढ़ने वाली सीमा पाहूजा की टीम किस निष्कर्ष पर पहुंचती है। हाथरस की बेटी की मौत की क्या वजह सामने आती है यह अब सीबीआई जांच में मिलने वाले तथ्यों एवं सुबूतों पर ही निर्भर करेगा।