Hardoi News: सात लोग मिले कोविड संक्रमित, 22 पर पहुंचा कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा

Hardoi News: कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। अभी तक 15 केस सामने आ चुके थे। लेकिन गुरुवार को आरटी-पीसीआर की जांच के बाद सात पाज़िटिव केस और आ जाने से इसका आंकड़ा 22 पर पहुंच चुका है।

Update:2023-04-13 22:45 IST
हरदोई में सात लोग मिले कोविड संक्रमित: Photo- Social Media

Hardoi News: कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। अभी तक 15 केस सामने आ चुके थे। लेकिन गुरुवार को आरटी-पीसीआर की जांच के बाद सात पाज़िटिव केस और आ जाने से इसका आंकड़ा 22 पर पहुंच चुका है। माना जा रहा है कि अगर पाज़िटिव केस सामने आने की ऐसी ही रफ्तार रही तो गुज़र चुका कठिन दौर फिर वापस लौट सकता है।

लापरवाही से बढ़ रहे मामले

जनपद में धीरे-धीरे शुरू हुई कोविड-19 की रफ्तार तेज़ हो चुकी है। कल तक 15 आरटी-पीसीआर पाज़िटिव केस सामने आ चुके थे। उसके अगले दिन गुरुवार को सात और केस बढ़ने से जनपद में कोविड संक्रमितों का आंकड़ा 22 पर पहुंच चुका है। इनमें कछौना और मल्लावां ब्लॉक में एक-एक,सुरसा और माधौगंज ब्लाक में दो-दो पाज़िटिव केस मिले हैं। जबकि एक सक्रिय केस शहर में सामने आया। इसके अलावा डा. राममनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ से दो और बीएसएल-2 लैब सीएचसी सुरसा से चार जबकि एक पाज़िटिव रिपोर्ट निजी डायग्नोस्टिक सेंटर का बताया जा रहा है।

कोविड गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

दरअसल, जनपद में कोविड की बढ़ती रफ़्तार के लिए प्रशासन और आम लोग दोनों जिम्मेदार हैं। एक तरफ जहां लोग सावधानियां नहीं बरत रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रशासन भी एहतियात के जरूरी इंतजाम नहीं कर सका है। इसके लिए गांव से लेकर गवर्नेंस कहीं न कहीं पर ज़िम्मेदार है। हालांकि सरकार ने पहले ही आगाह कर दिया था कि मास्क और सोशल डिस्टेंस ज़रूरी है। लेकिन शहर के सार्वजनिक स्थानों पर लोग ऐसा करते नहीं दिखाई दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर ऐसा ही रहा तो गुज़र चुका कठिन दौर फिर दोबारा वापस आ सकता है। कोविड को लेकर एहतियातन मॉक ड्रिल भी अभी तक नहीं की गई है।

यहां होती है मॉक ड्रिल

मॉक ड्रिल एक तरह का रिहर्सल होता है, जिसमें किसी इमरजेंसी या महामारी से कैसे निपटा जाए, इसकी तैयारियों को परखा जाता है। नियमों के मुताबिक अस्पतालों के अलावा स्कूल-कॉलेज, अपार्टमेंट, कल-कारखाने और ऐसे संगठन जहां भीड़ रहती है वहां मॉक ड्रिल की जाती है। लेकिन ज़िले में अभी कहीं भी अस्पतालों के अलावा दूसरे ठिकानों को छुआ तक नहीं गया है।

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