Shamli News: शामली में बड़े पैमाने पर चल रहा मिलावटी मावे का कारोबार, मात्र 120 रुपये किलो बेचे जा रहे रसगुल्ले
Shamli News: शामली के गांव एक रसगुल्ला फैक्ट्री है जिसमें काफी दिनों से मिलावटी रसगुल्ला व खोया तैयार किया जाता है। क्योंकि 2 दिन बाद दीपावली का पावन पर्व है, तो मिलावट खोरो ने बड़े पैमाने पर मिलावटी रसगुल्ला व मावा(खोया) बनाने का काम चालू कर रखा है।
Shamli News: जैसे-जैसे त्यौहार नजदीक आते जाते हैं, वैसे-वैसे ही मिलावट खोर खाद्य पदार्थ बेचने वाले हरकत में आ जाते हैं। शामली में बड़े पैमाने पर मिलावटी मावे(खोया) से तैयार करके रसगुल्ले बनाए जा रहे हैं और यहां यह रसगुल्ला केवल 120 रुपए प्रति किलो हिसाब से बेचे जा रहे हैं। इन मिलावटखोरों को न तो शासन का डर है, ना ही प्रशासन का ये बेख़ौफ होकर यह इस काम को धड़ल्ले से कर रहे हैं। यही नहीं रसगुल्ले की फैक्ट्री में छोटे-छोटे बच्चों को भी मजदूरी पर रखा हुआ है, जो रसगुल्ले बना रहे हैं।
दरअसल आपको बता दे की आपके टीवी स्क्रीन पर जो तस्वीरे चल रही है इन तस्वीरों में रसगुल्ले बनाए जा रहे हैं। अब इन्हें देखकर आपके मुंह में पानी जरूर आ गया होगा लेकिन जब आप सच्चाई सुनोगे तो आपके पैरों तले की जमीन खिसक जाएगी। मिलावटी मावे(खाया) बनाकर इन रसगुल्लो को बड़ी मात्रा में तैयार किया जा रहा है। यह रसगुल्ला इस फैक्ट्री से मात्र 120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है। रसगुल्ला का भाव सुनकर तो अपने अंदाजा लगा ही लिया होगा की, यह रसगुल्ला असली नहीं है। शामली के गांव लिसाढ़ में अंश नामक एक रसगुल्ला की फैक्ट्री है।जिसमें काफी दिनों से मिलावटी रसगुल्ला व खोया तैयार किया जाता है। क्योंकि 2 दिन बाद दीपावली का पावन पर्व है, और दीपावली के त्योहार पर मिठाइयों की मांग ज्यादा बढ़ जाती है, तो मिलावट खोरो ने बड़े पैमाने पर मिलावटी रसगुल्ला व मावा(खोया) बनाने का काम चालू कर रखा है। इस फैक्ट्री में छोटे-छोटे बच्चों को भी लगाकर रसगुल्ला तैयार कराई जा रहे हैं। इन फैक्ट्री संचालकों को ना तो शासन का डर है, ना ही प्रशासन का यह अपना काम बेख़ौफ होकर कर रहे हैं।
फैक्ट्री में काम करने वाले बच्चे विशाल ने बताया कि वह यहां पर काम करता है और यह काम काफी दिनों से किया जा रहा है... फैक्ट्री पर रसगुल्ला लेने पहुंचे खरीददार ने बताया कि 120 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उन्होंने रसगुल्ला खरीदे हैं, जिनको ले जाकर वह अपने गांव में बेचेगा। जब इस विषय में जनपद के अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रशासन की टीम लगातार छापेमारी कर रही है और कई स्थानों पर सैंपलिंग भी उनकी खाद्य विभाग की टीम के द्वारा की गई है, यदि इस प्रकार से कोई फैक्ट्री संचालित हो रही है तो, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।