Shamli News: किसानों ने किया कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास, पुलिस ने रोका तो किसान बैठे धरने पर, भारी पुलिस फोर्स तैनात
Shamli News: गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर के सामने पानीपत-खटीमा हाईवे के चौराहे पर जाम लगा दिया। जिससे वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई।
Shamli News: उत्तर प्रदेश के जनपद शामली की सरशादी लाल शुगर मिल में एक सप्ताह से धरने पर बैठे किसानों ने मिल परिसर से शामली के कलेक्ट्रेट परिसर में कुच का आह्वान किया। सैकड़ो की संख्या में किसान धरना स्थल से शामली कलेक्ट्रेट में तालाबंदी करने पहुंचे तो, पुलिस प्रशासन ने किसानों को कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने नहीं दिया। गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर के सामने पानीपत-खटीमा हाईवे के चौराहे पर जाम लगा दिया। जिससे वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। गन्ना किसान वर्ष 2022- 2023 का शामली की सरशादी लाल शुगर मिल पर बकाया करीब 190 करोड रुपए के भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में कई बार प्रशासन वार्ता भी कर चुका है, लेकिन किसानों का बकाया गन्ना भुगतान अभी तक नहीं हुआ। गन्ना किसान बकाया गन्ना भुगतान को मय ब्याज के मांग रहे हैं।
बकाया गन्ना भुगतान का है मामला
दरअसल, आपको बता दें कि शामली की सरशादी लाल शुगर मिल पर किसानों का वर्ष 2022-2023 का करीब 245 करोड़ रुपए बकाया गन्ना भुगतान था, वर्ष 2023-2024 को सरशादी लाल ग्रुप ने इस शुगर मिल को एक अन्य निजी कंपनी को बेच दिया। जिस निजी कंपनी ने वर्ष 2023-2024 का गन्ना किसानों का भुगतान समय पर कर दिया, लेकिन पूर्व के वर्ष का किसानों का गन्ना भुगतान अटक गया। करीब 20 दिन पूर्व गन्ना किसानों ने शुगर मिल में धरना-प्रदर्शन कर आंदोलन किया था, जिस पर शामली प्रशासन ने किसानों में मिल प्रबंधन के बीच इस बकाया गन्ना भुगतान को किस्तों में दिलाए जाने का वादा किया था और 45 करोड रुपए की एक किस्त भी शुगर मिल से गन्ना किसानों के खाते में पहुंचा दी थी और बाकी बचे गन्ना भुगतान को 10 दिनों के बाद किस्तों के अनुसार दिलाए जाने का वादा किया था।
जब तय समय पर किसानों के खाते में बकाया गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर बकाया गन्ना भुगतान दिलाए जाने की बात रखी... लेकिन अधिकारियों के बार-बार आश्वासन देने के बाद गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हुआ।
जिसके बाद एक बार फिर किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया, इस बार गन्ना किसान शुगर मिल के अंदर ही धरने पर बैठ गए। किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों को सोमवार की दोपहर 2:00 बजे तक का समय दिया था कि, वह किसानो की समस्या का समाधान कराए, लेकिन जब गन्ना किसानों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसानों ने शामली कलेक्ट्रेट की तालाबंदी की घोषणा की। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए।
किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर तालाबंदी का प्रयास किया
किसानों ने आवाहन के अनुसार सोमवार की शाम को शामली कलेक्ट्रेट पहुंचकर तालाबंदी का प्रयास किया तो, प्रशासन ने किसानों को तालाबंदी नहीं करने दी और वहां पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया। जिस पर गन्ना किसानों ने कलेक्ट्रेट गेट पर हंगामा करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर के ठीक सामने पानीपत-खटीमा हाईवे व दिल्ली- सहारनपुर हाईवे पर बैठ गए और जाम लगा दिया। किसान नेताओं की मांग है कि किसानों का शामली की शुगर मिल पर करीब 190 करोड़ के आसपास का बकाया गन्ना भुगतान बाकी है, उसको दिलवा दिया जाए तो किसान अपना आंदोलन वापस ले लेंगे। किसानों के हाईवे जाम करने से आसपास वाहनों की लंबी कतारे भी लग गई।