Shamli News: जयंत चौधरी का खाप थांबेदारों ने मांगा इस्तीफा, जानें किसानों में क्यों है नाराजगी

Shamli News: गठवाला खाप के थांबेदार ने राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख एवम कौशल विकास केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी को नसीहत दी है। अगर वह किसानों के सच्चे हितैषी हैं तो वह कुर्सी को छोड़कर किसानों के बीच आएं और किसानों के मुद्दों पर बात करें।

Report :  Pankaj Prajapati
Update:2024-10-04 22:26 IST

जयंत चौधरी का खाप थांबेदारों ने मांगा इस्तीफा, जानें किसानों में क्यों हैं नाराजगी: Photo- Newstrack

Shamli News: उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में गठवाला खाप के थांबेदार ने राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख एवम कौशल विकास केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी को नसीहत दी है। अगर वह किसानों के सच्चे हितैषी हैं तो वह कुर्सी को छोड़कर किसानों के बीच आएं और किसानों के मुद्दों पर बात करें। खाप थांबेदार की इस नसीहत से लग रहा है कि जयंत चौधरी के प्रति किसानों में नाराजगी बढ़ रही है।

दरअसल, आपको बता दे कि पूरा मामला जनपद शामली का है। जहां बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर सैकड़ों की तादाद में किसान दिन-रात शुगर मिल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।  किसानों के साथ जिला प्रशासन और मिल मालिकों की वादाखिलाफी के कारण किसान आत्मदाह करने का मन बना चुके है। वही आज किसानों द्वारा आत्मदाह करने के लिए ट्रैक्टर ट्राली भरकर उपले भी शुगर मिल में लाए गए थे। लेकिन खाप थांबेदार की सूझबूझ के कारण किसानो के इस निर्णय को रद्द कराया गया।

किसानों ने दी जयंत चौधरी को नसीहत

किसानों की दुर्दशा देख खाप थांबेदार का भी मन भर आया और बेबस किसानों की आह देखकर खाप थंबेदार ने प्रशासन, सरकार और शुगर मिल अधिकारियो को जमकर घेरा। इस दौरान उन्होंने आरएलडी प्रमुख व केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री जयंत चौधरी को भी नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा की अगर जयंत चौधरी किसानो के सच्चे हितैषी है तो वह कुर्सी का मोह छोड़कर किसानो के बीच आए और किसानों के हक की बात करें।

आपको यह भी बता दें कि बीते 21 सितंबर को जयंत चौधरी शामली जनपद के दौरे पर थे और इस दौरान उन्होंने शामली जनपद के लोगो द्वारा दिए गए शिकायती पत्रों के अंबार को देखकर खुले मंच से कहा था कि चाहे उन्हें फायदा हो या नुकसान उनसे सब काम नही होंगे और उन्होंने इस बात की लाचारी भी जाहिर की थी कि वह अब विपक्ष की भूमिका में नही है।

क्योंकि विपक्ष की भूमिका एक अलग होती है और जब आप सत्ता पक्ष में होते है तो आपकी कुछ लक्ष्मणरेखा भी होती है। साथ ही यह भी कहा था कि अब मैं इस प्रकार से आजाद नही हू जैसे पहले था। मेरा वक्त अब अपना वक्त नहीं है। मेरा वक्त पहले सौ प्रतिशत कार्यकर्ताओं की सुनवाई और पार्टी के विस्तार के लिए था। जयंत चौधरी द्वारा दिए गए इस बयान को लेकर किसानो में भारी आक्रोश है और यह आक्रोश बकाया गन्ना भुगतान को लेकर शुगर मिल में बैठे किसानो में देखा जा सकता है।

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