Shamli News: हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर वकीलों ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर लगाया जाम
Shamli News: शामली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र पवार ने कहा कि मेरठ की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की एक बेंच देंगे, लेकिन अब तक वह पूरा नहीं हुआ है।
Shamli News: पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की मांग को लेकर वकीलों ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर मानव श्रृंखला बनाकर जाम लगाया। अधिवक्ताओं की मांग थी कि वह काफी वर्षों से पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है, मेरठ में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा में अलग बेंच दिए जाने का वादा भी किया था, लेकिन अब तक वह भी इस पर खड़े नहीं उतरे हैं। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार अधिवक्ताओं की मांग पूरी नहीं करती है तो वे भी 2024 के चुनाव में भाजपा के विरोध में मतदान करेंगे।
दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर वकीलों का प्रदर्शन
दरअसल बता दें कि वकीलों का यह प्रदर्शन शामली की जिला कलेक्ट्रेट के सामने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर हुआ। यहां पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र पवार के नेतृत्व में वकीलों ने मानव श्रृंखला बनाकर दिल्ली-सहारनपुर हाईवे जाम कर दिया। प्रदर्शन कर रहे वकीलों की मांग है कि करीब 50 वर्ष से पश्चिम उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता पश्चिम में हाई कोर्ट बेंच दिए जाने की लगातार मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर 1982 से हर शनिवार की सभी अधिवक्ता हड़ताल पर रहते हैं, लेकिन आज तक पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच बनाई जाने की मांग पूरी नहीं हुई है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश से इलाहाबाद हाई कोर्ट है दूर
शामली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र पवार ने बताया कि इलाहाबाद की पश्चिम उत्तर प्रदेश से दूरी काफी ज्यादा है, जिससे पश्चिम के नागरिकों को न्याय मिलने में दिक्कत होती है। इसी मांग को लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट बेंच समिति के आह्वान पर आज ये विरोध प्रदर्शन किया गया है। साथ ही उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों पर धोखा देने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि मेरठ की एक रैली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह वादा किया था कि उनकी सरकार बनने पर पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की एक बेंच देंगे, लेकिन अब तक वह पूरा नहीं हुआ है। अगर अधिवक्ताओं की यह मांग पूरी नहीं हुई तो 2024 के चुनाव में सभी अधिवक्ता भाजपा के विरोध में मतदान करेंगे।