Shamli News: पाकिस्तानी सलमा को मिला भारतीय बलमा, मिली नहीं तो बस भारतीय नागरिकता, पढ़ें पूरी कहानी

Shamli News: आज से लगभग 40 साल पहले पाकिस्तान से शादी कर भारत आयी सलमा नाम की महिला को आज तक भारत की नागरिकता नही मिली है।

Update: 2023-07-07 07:03 GMT
Shamli News: (photo: social media )

Shamli News: भारत और पाकिस्तान से जुड़ा एक किस्सा सामने आया है। जहाँ आज से लगभग 40 साल पहले पाकिस्तान से शादी कर भारत आयी सलमा नाम की महिला को आज तक भारत की नागरिकता नही मिली है। सलमा सरकार से उम्मीद लगाए बैठी है कि एक दिन उसे भारत की नागरिता जरूर मिलेगी। हालांकि वर्ष 2015 में शामली जिला प्रशासन ने सलमा की फाइल को भारत की नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय जरूर भेजा था। लेकिन अभी तक तो सलमा को नागरिकता नही मिली है।

दरअसल, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जिला झंग निवासी सलमा की शादी 1983 में जनपद मुज़फ्फरनगर के गढ़ीपुख्ता कस्बे के मोहल्ला जैनपुरी में अनीस अहमद नाम के व्यक्ति के साथ हुई थी। लेकिन अब यह कस्बा 2011 में बने शामली जनपद के क्षेत्र में आने लगा है। भारत पाकिस्तान के बंटवारे से पूर्व सलमा के दादा आदि परिवार पानीपत में रहता था। बंटवारे के बाद परिवार पाकिस्तान चला गया था।। वहीं पर सलमा का जन्म हुआ था। सलमा के नाना-मामा गढ़ीपुख्ता के मोहल्ला जैनपुरी में रहते थे। अनीस अहमद सलमा के मामा के पुत्र था जिसके चलते सलमा ओर अनीस का निक़ाह हो गया था। 1983 में अनीस अहमद से निकाह के बाद सलमा वीजा लेकर भारत में रहने लगी थी। 1985 में सलमा ने भारत की नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय में आवेदन किया था लेकिन आज तक सलमा को भारत की नागरिकता नहीं मिली है। लेकिन जब जनपद शामली में सलमा को राज्य निष्ठा की शपथ दिलाई तो सलमा को लगा की अब नागरिकता मिल जाएगी। इसी आस पर सलमा जिंदा भी है।

वीजा कराना पड़ता है रिनुअल

10 अगस्त 2015 में तत्कालीन अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) भरत जी पांण्डेय ने पाक राष्ट्रिका महिला सलमा पत्नी अनीस अहमद को राज्य निष्ठा की शपथ ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया था। एडीएम ने तब सलमा को भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा-5(1) सी के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान किए जाने हेतु राज्य निष्ठा की शपथ ग्रहण कराई।

शपथ के बाद नागरिकता के लिए सलमा की फाइल गृह मंत्रालय भेजी जा चुकी है। उधर, सलमा के पति अनीस अहमद का कहना है कि आज तक सलमा को नागरिकता नहीं मिली और हर वर्ष उन्हें वीजा नवीनीकरण कराना पड़ता है और स्थानीय थाने से लेकर एलआइयू तक को खबर देनी होती है।

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