Shamli News: केदारनाथ से लौटे शामली के श्रद्धालु, आपदा में फंसे, बड़ी मुश्किल से बचाई जान

Shamli News: 31 जुलाई की रात को केदारनाथ धाम पर आई प्राकृतिक आपदा में शामली जनपद के गांव सिलावर निवासी 6 श्रद्धालुओं का एक दल भी फस गया था।

Report :  Pankaj Prajapati
Update: 2024-08-05 04:36 GMT

केदारनाथ से लौटे शामली के श्रद्धालु   (फोटो: सोशल मीडिया )

Shamli News: 31 जुलाई की रात केदारनाथ में आई आपदा में शामली के 6 सदस्य श्रद्धालुओं का एक दल फंस गया था। चार दिनों तक सांसे अटकी रही, तब जाकर एनडीआरएफ की टीमों ने सभी को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। श्रद्धालुओं का कहना है की उक्त जगह पर प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं की गई। जबकि वहां पर बड़ा ही भयावह नजारा था। वह खुद अनेको लाशों के ऊपर से होकर पहुंचे हैं। उन्हें तो यकीन भी नहीं था कि वह इस आपदा से बच निकलेंगे। सभी ने अपने पैतृक गांव पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर उन्हें धन्यवाद दिया।

उत्तराखंड प्रशासन ने नहीं कि हमारी मदद

दरअसल आपको बता दे की 31 जुलाई की रात को केदारनाथ धाम पर आई प्राकृतिक आपदा में शामली जनपद के गांव सिलावर निवासी 6 श्रद्धालुओं का एक दल भी फस गया था। जब आपदा आई तो उसे सभी भगवान केदारनाथ के दर्शन कर निकल ही थे । श्रद्धालुओं का कहना था कि अचानक आई इस तबाही में वह फंस गए थे, जिस पहाड़ी पर वह थे वह खिसक रही थी, ऊपर से पत्थर लगातार गिर रहे थे, उन्हें ऐसा लग रहा था मानो कि अब बचना मुश्किल हो। चार दिनों तक इस स्थान पर सभी श्रद्धालु व उनके साथ मौके पर बड़ी संख्या में अन्य श्रद्धालु भी साथ थे। वहां ना तो उन्हें उचित खाना-पीना दिया गया और ना ही कोई सुविधा उत्तराखंड प्रशासन की ओर से प्रदान की गई। आपदा के कई दिनों बाद एनडीआरएफ की टीमों ने उन सभी को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला।

श्रद्धालु सोनू कुमार, कारगिल कुमार व अंकित कुमार ने बताया कि उक्त स्थल पर इतना भयावह नजारा था जिसे देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए थे। उन्हें तो बचने की भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से वह सभी बच गए। उन्होंने बताया कि घटना में बड़ी जनहानि हुई है और जिस स्थान पर वह थे उसी के पास के दो गांव तो पूरे तबाह हो गए। वह खुद रेस्क्यू के वक्त लाशों के ऊपर से होकर आए हैं। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड प्रशासन पर भी लापरवाही के आरोप लगाए और कहा कि अगर वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी होते तो सभी को जल्द मदद अवश्य मिलती। सभी श्रद्धालु आज अपने पैतृक गांव सिलवर पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने भगवान भोलेनाथ के मंदिर में जिला अभिषेक कर धन्यवाद दिया।

बाबा भोलेनाथ या तो हमें उठा लो या फिर हमें घर पहुंचा दो

अंकित कुमार का कहना है कि बाबा केदारनाथ के दर्शन करके हम वापस आ रहे थे तो अचानक एक बिजली गिरी और बादल फट गया, जिस जहां पर हम खड़े हुए थे वहां पर पहाड़ी नीचे की तरफ खिसकने लगी । हम बुरी तरह फस गए। सिलावर से हम 6 लोग गए हुए थे । प्रशासन ने हमारी कोई मदद नहीं की एनडीआरएफ की टीम ने तो हमें रास्ते के जरिए बाहर निकालने की कोशिश की , लेकिन बाद में यह कह दिया कि अब आप अपनी मर्जी से निकल आओ हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी । पुलिस का भी बर्ताव अच्छा नहीं था । 4 दिन से लगातार हम भूखे प्यासे रहे और वहां पर ना कोई खाने को दे रहा था, ना कोई पीने को । लेकिन जो लोग वहां के निवासी थे उन लोगों ने हमारी बहुत मदद की। हम मन ही मन में बाबा केदार को कह रहे थे या तो हमें उठा लो या फिर हमें घर पहुंचा दो।

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