शंकराचार्य स्वरूपानंद ने माघ मेला में भूमि आवंटन की अपनी याचिका वापस ले ली

इलाहाबाद हाईकोर्ट में माघ मेला प्रयाग में ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य के नाम जमीन आवंटन से इंकार के खिलाफ दाखिल याचिका स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने वापस ले ली है।मेला बीत जाने के कारण याचिका अर्थहीन होने के आधार पर वापस करने की मांग की।जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल तथा जस्टिस एस डी सिंह की

Update: 2018-01-30 15:08 GMT

‎इलाहाबाद: ‎इलाहाबाद हाईकोर्ट में माघ मेला प्रयाग में ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य के नाम जमीन आवंटन से इंकार के खिलाफ दाखिल याचिका स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने वापस ले ली है।मेला बीत जाने के कारण याचिका अर्थहीन होने के आधार पर वापस करने की मांग की।जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल तथा जस्टिस एस डी सिंह की खण्डपीठ ने दिया है।याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एम् डी सिंह शेखर,भारत धर्म महामण्डल के अधिवक्ता तरुण अग्रवाल व अशोक पांडेय व राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने पक्ष रखा।

द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने स्वयं को ज्योतिष्पीठ का शंकराचार्य चुने जाने के दावे के साथ माघ मेले में ज्योतिष्पीठ की सुविधाओं सहित जमीन आवंटित करने की मेला प्रशासन से मांग की।जिसे मेला प्रशासन ने यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि हाई कोर्ट ने याची को ज्योतिष्पीठ का शंकराचार्य नही माना है।

स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज व् स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के बीच ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य पद के विवाद को लेकर दाखिल अपील तय करते हुए दोनों को वैध नही माना और भारत धर्म महामण्डल व् काशी विद्वत परिषद को मठामनाय के तहत नया शंकराचार्य चुनने का आदेश दिया है।याची का कहना था कि वह ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य चुन लिए गए हैं।कोर्ट ने याचिका पर सरकार से जवाब मांगते हुए कहा था कि इस साल नही वरन अगले साल जमीन देने के मुद्दे पर सुनवाई हो सकती है।याची ने याचिका वापस ले ली।

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