लखनऊ: राष्ट्रीय किसान मंच ने दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल और समाजसेवी अन्ना हजारे पर चंदा हड़पने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा, कि आगामी 23 मार्च को अगर अन्ना ने आंदोलन नहीं किया तो राष्ट्रीय किसान मंच उनके खिलाफ आंदोलन करेगा। दूसरी तरफ, अन्ना हज़ारे ने डॉ. राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी में 'लोकतंत्र की पाठशाला' लगाई।
शेखर दीक्षित ने अन्ना हजारे को आरएसएस और बीजेपी का एजेंट बताया। उन्होंने कहा, 'देश के युवाओं को अन्ना और केजरीवाल ने गुमराह किया। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि आखिर अन्ना हजारे लोकपाल को लेकर चार साल तक चुप क्यों थे? उन्होंने बीते चार साल में एक बार भी मोदी सरकार के खिलाफ कोई बात क्यों नहीं की।'
अन्ना के विरोध की टाइमिंग पर सवाल
शेखर दीक्षित ने कहा, 'जैसे बीजेपी को चुनाव के समय राम मंदिर मुद्दा याद आता है। वैसे ही अन्ना हजारे को चुनाव के समय लोकपाल का मुद्दा याद आ रहा है। अन्ना की मोदी सरकार के खिलाफ चुप्पी की वजह से ही उनसे जुड़ी पुरानी टीम अन्ना से अलग हो गई।' दीक्षित ने आगे कहा, 'अन्ना हजारे ने देश के युवाओं के साथ धोखा किया है। जो युवा अन्ना आंदोलन से जुड़ने के लिए अपनी नौकरी, बिजनेस छोड़कर आया था, उसे धोखा ही मिला। चार साल से अन्ना हजारे की चुप्पी ने उन युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर दिया है।'
चंदे का दुरुपयोग किया
शेखर दीक्षित ने कहा, कि 'अन्ना हजारे आज भी आरएसएस और बीजेपी के इशारे पर चल रहे हैं। वह देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान सहयोग के रूप में करोड़ों रुपए चंदे मिले थे उनके पास इसका कोई हिसाब नहीं है। केजरीवाल और अन्ना ने मिलकर देशहित के नाम पर चंदे का दुरुपयोग किया।'
...तो पुरानी टीम के लोग उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे
शेखर बोले, 'अगर 23 मार्च को अन्ना हजारे ने दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ जन सत्याग्रह कर किसान समस्या और लोकपाल को लेकर पुरजोर तरीके से विरोध नहीं किया, तो अन्ना की पुरानी टीम के लोग उनके खिलाफ जंतर-मंतर पर आंदोलन पर बैठ जाएंगे।'