अंशुमान तिवारी
लखनऊ : बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म शोले का सियासत से गजब का रिश्ता है। बॉलीवुड के इतिहास में जिन पुरानी फिल्मों को आज भी याद किया जाता है उनमें शोले भी शामिल है। इस फिल्म को लोगों ने कई-कई बार देखा। इसे इतनी जबर्दस्त कामयाबी मिली थी कि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पैसों की बरसात कर दी थी। इस फिल्म के संवादों को भी काफी लोकप्रियता मिली थी और देश की गली-गली में फिल्म के संवाद गूंजे। इस फिल्म का इतना असर हुआ कि पक्के दोस्तों को जय-वीरू कहा जाने लगा तो बक-बक करने वाली लड़कियों को बसंती की उपमा दी जाने लगी। मांओ ने अपने छोटे बच्चों को गब्बर का डर दिखाकर सुलाया। माना जाता है कि भारतीय जनमानस पर इस फिल्म का गहरा असर हुआ। यह फिल्म 43 साल पहले 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी मगर लोगों को आज भी फिल्म के सीन और संवाद याद हैं।
किरदार और डायलॉग को मिली लोकप्रियता
शोले फिल्म इतनी लोकप्रिय हुई थी कि इसके एक-एक डायलॉग और एक-एक किरदार लोगों के जेहन में बसे हुए हैं। समय बीतने के साथ ही इन किरदारों का रंग और गाढ़ा होता गया। लोगों को न तो जय और बीरू का याराना भूलता और न वसंती का दिलकश अंदाज।
यह भी पढ़ें : आज से समाप्त होगा चुनावी बोल बचन का दौर, इन दिग्गजों का सियासी इम्तिहान
फिल्म में चुप-चुप सी रहने वाली राधा ने भी लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। इसके साथ ही यह भी दिलचस्प तथ्य है कि सिनेमा की दुनिया से बाहर निकलकर जब ये किरदार सियासत की जमीन पर उतरे तो वहां भी उन्होंने लोगों पर गहरी छाप छोड़ी। चारों किरदार अलग-अलग समय पर सियासत की जमीन पर कामयाब हुए और चारों संसद के गलियारे में पहुंचे।
अमिताभ ने दिग्गज बहुगुणा को हराया
जय का किरदार निभान वाले अमिताभ बच्चन यानी बिगबी 1984 के चुनाव में इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। अमिताभ उस समय के कद्दावर नेता हेमवती नंदन बहुगुणा को हराकर संसद के गलियारे में पहुंचे। उन्होंने बहुगुणा को एक लाख 87 हजार वोटों से चुनाव हराया था।
हालांकि बाद में उन्हें सियासत रास नहीं आई और बोफोर्स मामले में नाम आने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने कभी राजनीति की ओर रुख नहीं किया।
बीकानेर से सांसद बने धर्मेन्द्र
बीरू यानी धर्मेन्द्र 2004 में राजस्थान की बीकानेर सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि सांसद बनने के बाद वे सियासत में ज्यादा सक्रिय नहीं रहे। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों का भी ख्याल नहीं रखा। उनसे नाराज लोगों ने चुनाव क्षेत्र में उनके लापता होने के पोस्टर तक लगवा दिए थे। अब वे राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। हालांकि उन्होंने इस बार के चुनाव में अपनी पत्नी हेमामालिनी का मथुरा व बेटे सनी देओल का गुरदासपुर में प्रचार किया है।
मथुरा से संसद पहुंचीं हेमामालिनी
बसंती यानी हेमामालिनी 2014 में मथुरा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं और चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। उन्होंने करीब सवा तीन लाख वोटों से विजय हासिल की। वे इस बार फिर भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी हैं। वे 2003 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य भी रहीं।
सपा से राज्यसभा पहुंचीं जया बच्चन
शोले में राधा का किरदार निभाने वाली जया बच्चन राज्यसभा की सदस्य बनीं। वे सपा की स्टार प्रचारक हैं और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की काफी करीबी मानी जाती हैं। वे अभी भी राज्यसभा सदस्य हैं। उन्हें सपा ने कई बार राज्यसभा भेजा है। 2019 के चुनाव में उन्होंने सपा के कई रोड शो में हिस्सा लेने के साथ ही कई चुनावी सभाओं को भी संबोधित किया।
चारों किरदार बाद में बने पति-पत्नी
मजे की बात यह भी है कि फिल्म के चारों किरदारों ने बाद के दिनों में आपस में शादी भी रचाई। जय यानी अमिताभ बच्चन की शादी राधा यानी जया भादुड़ी से हुई और वे जया बच्चन बन गईं। हालांकि रेखा से उनके रिश्तों को लेकर भी तमाम खबरें मीडिया की सुर्खियां बनीं। इस जोड़ी के अलावा बसंती यानी हेमामालिनी की शादी बीरू यानी धर्मेन्द्र से हुई।