श्रवण साहू केस: निर्धारित समय में CBI नहीं दाखिल कर पाई चार्जशीट, मुल्जिम को मिली बेल

सीबीआई की स्पेशल इंचार्ज ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विनीता सिंह ने श्रवण साहू मर्डर केस में निरुद्ध मुल्जिम बाबू खां उर्फ नसरुद्दीन को जमानत पर रिहा कर दिया है।

Update: 2017-06-06 14:23 GMT
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लखनऊ: सीबीआई की स्पेशल इंचार्ज ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विनीता सिंह ने श्रवण साहू मर्डर केस में निरुद्ध मुल्जिम बाबू खां उर्फ नसरुद्दीन को जमानत पर रिहा कर दिया है।

कोर्ट ने यह आदेश सीबीआई द्वारा निर्धारित अवधि में बाबू खां के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं करने पर दिया है। आदेश के मुताबिक बाबू खां को एक लाख रुपए की दो जमानते और इतनी ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करना होगा।

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बता दें कि 03 मार्च, 2017 को इस मामले में बाबू खां को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। 02 जून, 2017 को मुल्जिम बाबू खां की तरफ से कहा गया कि 90 दिन की अवधि बीत गई लेकिन अभी तक उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है। लिहाजा कानूनन उसकी जमानत मंजूर की जाए।

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09 मई, 2017 को सीबीआई ने इस हत्याकांड मामले में अकील अंसारी, सत्यम पटेल उर्फ रॉकी, अमन सिंह, अजय पटेल, रोहित मिश्रा और विवेक वर्मा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

इन पर हत्या और हत्या का षडयंत्र रचने, साक्ष्य मिटाने का आरोप हैं, लेकिन बाबू खां का नाम इस आरोप पत्र में नहीं था। सीबीआई ने बताया था कि अभी उसकी विवेचना जारी है। इधर, कोर्ट ने आरोप पत्र पर संज्ञान के लिए 20 जून की तारीख तय की है।

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