Shravasti News: मां काली मंदिर परिसर स्थित श्रीराम कथा सुनकर उमड़ा श्रद्धालुओं की सैलाब, कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रोता

Shravasti News: कटरा श्रावस्ती माता काली मंदिर परिसर स्थित बनियन पूर्वा मनोहर पुर में श्री राम कथा के दौरान अयोध्या धाम से पधारे प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि श्रृषि विश्वामित्र जी बक्सर के जंगल में यज्ञ करते हैं।;

Update:2025-03-19 18:49 IST

crowd of devotees gathered listen to Shri Ram Katha in Maa Kali temple premises (Photo: Social Media)

Shravasti News: कटरा श्रावस्ती माता काली मंदिर परिसर स्थित बनियन पूर्वा मनोहर पुर में श्री राम कथा के दौरान अयोध्या धाम से पधारे प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि श्रृषि विश्वामित्र जी बक्सर के जंगल में यज्ञ करते हैं ।यज्ञ में रक्षा वाइन करते हैं एक दिन विश्वामित्र जी महाराज ने विचार किया की प्रभु का अवतार हो चुका है ।तुलसी बाबा ने श्री रामचरितमानस में लिखा है गाध तनय मन चिंता व्यापी हरि बिनु मरहि ना निस्चर पापी और लेने के लिए अयोध्या में लक्ष्मण और राम को आए तब चक्रवर्ती महाराज दशरथ को पता चला कि मेरे राज्य में सरयू जी के तट पर विश्वामित्र जी का आगमन हो चुका है ।उसी समय महाराज दशरथ श्रेष्ठ समाज संत समाज विद्वत समाज लेकर के विश्वामित्र को लेने के लिए सरयू तट पर पहुंचे।

लक्ष्मण को प्रणाम करवाकर विश्वामित्र को सौंप दिया

गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने श्री रामचरितमानस में लिखा है कि जब राजा को ऋषि के आगमन का समाचार मिला तो वह ब्राह्मण समुदाय के साथ उनसे मिलने गये और जब वह उसे लेकर आये तो उन्होंने विश्वामित्र को अपने आसन पर बैठाया, अपने ही आसन पर बैठाया और जब उन्हें आसन पर बैठाया तो उनके चरणों में बैठ गये और फिर हाथ जोड़कर निवेदन किया कि हे गुरुदेव आप हमारे राज्य में आये हैं कोई तो कारण होगा आपके आने का, तब विश्वामित्र बोले राक्षसों का समूह मुझे परेशान कर रहा है मुझे आपके बारे में पता चल गया है, हे राजन मैं यज्ञ करता हूं मेरे यज्ञ में मारीच और सुबाहु जैसे राक्षस विघ्न डालते हैं इसीलिए हे राजन मैं आपके पास आया हूं, राजन मुझे राम और लक्ष्मण चाहिए, तब दशरथ बोले तुम्हें चौथे जन्म में चार पुत्र प्राप्त हुए हैं, बेचारे ब्राह्मण ने कहा नहीं क्या कहे मुझे चौथे जन्म में चार संताने मिली हैं तो मैं उन्हें कैसे दे सकता हूं, और उसके बाद जब गुरु वशिष्ठ ने कहा हे राजन विश्वामित्र को दे दो, उसे साथ ले जाओ, तब उन्होंने गुरु की आज्ञा का पालन किया और राम और लक्ष्मण को प्रणाम करवाकर विश्वामित्र को सौंप दिया।

हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे

तुलसी जी रामचरितमानस में लिखते हैं कि श्याम गौर सुंदर दो भाई थे और विश्वामित्र की बड़ी आस्था थी। इस कथा के दौरान लोकप्रिय गायक दयाशंकर तिवारी, पैड प्लेयर शत्रुघ्न प्रसाद मिश्र, प्रसिद्ध बैंकिंग व्यवसायी अजय शुक्ला, आचार्य अनुपम, आचार्य अरुण जी, स्वादिष्ट भोजन और भंडारा प्रसाद बनाने वाले पवन पांडे जी आदि ने अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान श्री राम कथा सुनने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और कथा सुनकर भक्तों की आंखें नम हो गईं। इसके साथ ही भगवान श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के स्नेह के कई प्रसंग सुनाकर लोगों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर श्री राम कथा समिति के पदाधिकारी पवन कुमार मिश्र, पेशकार यादव रमेश गुप्ता सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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