Shravasti News: श्रावस्ती में स्टांप चोरी के वादों का होगा निस्तारण, अर्थदंड में मिलेगी छूट: डीएम

Shravasti News: जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया है कि स्टाम्प कलेक्टर एवं सीसीआरए के पीठासीन अधिकारियों के न्यायालयों में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के अन्तर्गत बड़ी संख्या में स्टाम्प वाद लंबित हैं, जिनमें प्रदेश सरकार को राजस्व की हानि होती है।

Update:2024-12-30 18:59 IST

श्रावस्ती में स्टांप चोरी के वादों का होगा निस्तारण, अर्थदंड में मिलेगी छूट: डीएम (Newstrack)

Shravasti News: प्रदेश सरकार की पहल पर स्टाम्प वादों के निस्तारण एवं राजस्व वसूली के लिए समाधान योजना पुनः लागू की जाएगी। यह योजना 31 मार्च तक प्रभावी रहेगी। इस अवधि में कोई भी पक्षकार स्टाम्प धनराशि जमा कर अर्थदण्ड आदि से सुरक्षा का लाभ ले सकेगा। स्टाम्प विवाद समाधान योजना के तहत लोग स्टाम्प वादों में बिना अर्थदण्ड व पैनल्टी दिए वादों से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए वे नियमानुसार स्टाम्प धनराशि जमा कर मामले का निस्तारण कर सकते हैं।

जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया है कि स्टाम्प कलेक्टर एवं सीसीआरए के पीठासीन अधिकारियों के न्यायालयों में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के अन्तर्गत बड़ी संख्या में स्टाम्प वाद लंबित हैं, जिनमें प्रदेश सरकार को राजस्व की हानि होती है। स्टाम्प वादों के त्वरित निस्तारण, इसमें शामिल स्टाम्प कमी की धनराशि को यथाशीघ्र प्राप्त करने तथा आम जनता को अधिकाधिक सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने समुचित विचारोपरान्त स्टाम्प कमी के वादों हेतु समाधान योजना लागू करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि इन वादों के त्वरित निस्तारण से जहां राज्य को इंगित स्टाम्प कमी के सापेक्ष धनराशि प्राप्त हो सकेगी, वहीं संबंधित पक्षों को न्याय में विलम्ब के कारण बढ़ रही ब्याज की देनदारी से भी राहत मिलेगी। इसके तहत जिला स्तरीय स्टाम्प संग्रहकर्ता न्यायालयों एवं सीसीआरए के पीठासीन अधिकारी अपने न्यायालय में लंबित सभी स्टाम्प वादों/स्टाम्प अपील एवं स्टाम्प निरीक्षणों में पक्षकारों को निर्धारित प्रारूप पर नोटिस भेजेंगे, जिससे मामले के सभी संबंधित पक्षों को इस योजना की समुचित जानकारी मिल सकेगी।

बताया गया है कि निस्तारण योजना के क्रियान्वयन के पूर्व दाखिल किसी भी स्टाम्प वाद/स्टाम्प अपील एवं स्टाम्प अनुश्रवण वाद में यदि पक्षकार संदर्भ रिपोर्ट में इंगित स्टाम्प कमी की धनराशि नियमानुसार देय ब्याज सहित अदा करने को इच्छुक है, तो वह पक्षकार संबंधित न्यायालय/सीसीआरए में पीठासीन अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेगा। तथा संबंधित न्यायालय/सीसीआरए का पीठासीन अधिकारी ऐसे आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित स्टाम्प वाद/स्टाम्प अपील एवं स्टाम्प अनुश्रवण में एक सप्ताह के भीतर तिथि निर्धारित करेगा तथा इस अवधि में इंगित स्टाम्प कमी की धनराशि की पुष्टि हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगा। साथ ही, सन्दर्भ रिपोर्ट में दर्शाई गई स्टाम्प कमी की राशि की पुष्टि के पश्चात् सम्बन्धित न्यायालय/सीसीआरए उक्त नियत तिथि को पक्षकार को सूचित करेगा कि वह पुष्टि की गई स्टाम्प कमी की राशि तथा ब्याज एवं सांकेतिक दण्ड 100/- रूपये को नियमानुसार एक सप्ताह के अन्दर कोषागार मद संख्या-0030, स्टाम्प एवं निबंधन में जमा कर दे।

उक्त प्रकरण में उक्त समाधान योजना के अन्तर्गत निर्धारित राशि जमा करने की रसीद सहित आवेदन प्राप्त होने पर न्यायालय/सीसीआरए कर्मचारी एक सप्ताह के अन्दर तिथि निर्धारित कर कोषागार से जमा की गई राशि की पुष्टि करेगा तथा पत्रावली पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इसके पश्चात न्यायालय/सीसीआरए के पीठासीन अधिकारी स्टाम्प कमी एवं ब्याज राशि सहित दण्ड कोषागार में जमा करने की पुष्टि के साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत रसीद के आलोक में 100/- रूपये सांकेतिक दण्ड के साथ प्रकरण का निस्तारण करेंगे। इस प्रकार, कमी की धनराशि तथा नियमानुसार देय ब्याज की धनराशि का भुगतान करने के पश्चात न्यायालय/सीसीआरए के पीठासीन अधिकारी द्वारा दस्तावेज पर स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 42 के अन्तर्गत प्रमाण-पत्र अंकित किया जाएगा तथा स्टाम्प प्रभार्यता के सम्बन्ध में यह प्रकरण अन्तिम रूप से निस्तारित माना जाएगा।

डीएम ने बताया कि यह समाधान योजना 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगी। कोई भी पक्षकार यदि योजना के क्रियान्वयन की अन्तिम तिथि के पूर्व अपने द्वारा पुष्टि की गई स्टाम्प कमी की धनराशि नियमानुसार ब्याज तथा 100/- रूपये के सांकेतिक दण्ड सहित जमा कर देगा तो उसे इस योजना का लाभ मिलेगा। उक्त योजना के अन्तर्गत न्यायालय/सीसीआरए के पीठासीन अधिकारी द्वारा पक्षकार द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने के एक माह के अन्दर प्रकरण का अन्तिम रूप से निस्तारित करना अनिवार्य होगा।

उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त सी.सी.आर.ए. के पीठासीन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जनपद में समस्त कलेक्टर स्टाम्प न्यायालयों/सी.सी.आर.ए. के पीठासीन अधिकारियों के न्यायालयों में लंबित स्टाम्प प्रकरणों में ऐसा कोई प्रकरण निस्तारण हेतु लंबित न रहे, जिसमें पक्षकार द्वारा अपने द्वारा इंगित स्टाम्प कमी को जमा करते हुए अपने प्रकरण के निस्तारण हेतु प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया गया हो, किन्तु उसके प्रकरण का निस्तारण न हुआ हो। इस अवधि में उक्त समाधान योजना के अन्तर्गत निस्तारित प्रकरणों के सम्बन्ध में प्रत्येक कलेक्टर स्टाम्प/सी.सी.आर.ए. के पीठासीन अधिकारी प्रतिमाह निस्तारित प्रकरणों की संख्या तथा उसमें प्रभारित एवं वसूल की गई स्टाम्प कमी का विवरण निर्धारित प्रारूप पर आयुक्त स्टाम्प को उपलब्ध कराएंगे।

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