Shravasti News: जिला की अपर जिला एवं सत्र कोर्ट ने नकली नोटों के सौदागर की जमानत अर्जी की खारिज, बताया ऐसे व्यक्ति समाज के लिए धब्बा
Shravasti News: नकली नोट का करोबार करना राष्टृ द्रोह की श्रेणी में आता है। और यह हर भारतीय की जिम्मेदारी बनती है कि वह परिवार, और अपने से ऊपर उठकर देश के लिए जीने का जज्बा पैदा करे।;
जिला की अपर जिला एवं सत्र कोर्ट ने नकली नोटों के सौदागर की जमानत अर्जी की खारिज (Photo- Social Media)
Shravasti News: नकली नोट छापकर ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों व दुकानों में चलाने वाले दो आरोपी की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रावस्ती अमित कुमार प्रजापति ने मंगलवार को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने नकली नोट मामले पर तख्त टिप्पणी भी की और कहा कि नकली नोट छापना राष्ट्रीय अपराध है और ऐसा करोबार करने वाले लोगों को किसी भी हालत में खुला नहीं छोड़ा जा सकता है। कोर्ट ने नकली नोट के सौदागर की जमानत याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता को भी ऐसे लोगों के पक्ष में न खड़ा होने की सलाह दी। कहा कि अधिवक्ता पेशे के साथ राष्ट्र प्रेम को भी अपने दिल में समाहित रखे जिससे सभ्य समाज के लिए परेशानी का आधार न बने।
कली नोट का करोबार करना राष्टृ द्रोह
कोर्ट ने कहा कि नकली नोट का करोबार करना राष्टृ द्रोह की श्रेणी में आता है। और यह हर भारतीय की जिम्मेदारी बनती है कि वह परिवार, और अपने से ऊपर उठकर देश के लिए जीने का जज्बा पैदा करे। कोर्ट ने कहा कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है इसलिए आप अपनी गलतियों पर पर्दा डालकर पशुवत की श्रेणी में नहीं रख सकते हैं। इसलिए हर भारतीय की यह जिम्मेदारी बनती है कि राष्टृ के विरोध में किसी भी गतिविधि शामिल न हो।
शासकीय अधिवक्ता सतीश चन्द्र मौर्या एवं सतेंद्र बहादुर सिंह ने तर्क़ दिया है कि आरोपियों ने नकली नोट छापकर न केवल राष्ट्रीय अपराध किया है बल्कि देश और समाज को भ्रमित किया है जिसकी जितना भी घृणित कहा जाए कम है। इसलिए ऐसे लोगों की जमानत देना गलत गतिविधियों में संलिप्त होने के लिए छोड़ने के बराबर है।वही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रावस्ती अमित कुमार प्रजापति की कोर्ट पर नकली नोटों के सौदागर व नकली नोट को बनाने वाले मुबारक अली उर्फ नूरी बाबा एवं जलील अहमद के जमानत प्रार्थना पत्र डालने वाले अधिवक्ता ज्ञानचंद वर्मा ने तर्क दिया कि जब तक देश की खुफिया एजेंसी पुख्ता सबूत नहीं पेश कर देती है तब तक अनायास किसी को जेल में रखकर प्रताड़ित करता प्राकृतिक न्याय के विपरीत है।
अधिवक्ता ज्ञान चंद वर्मा ने तर्क दिया कि उनके आरोपियों को पुलिस बिना किसी ठोस साबूत के नकली नोटों का सौदागर साबित करने पर तुली है। जिससे साबित होता है कि पुलिस अपनी छवि साफ सुथरा रखने व मेडल प्राप्त करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।इस दौरान अधिवक्ता ने तमाम अन्य कोर्ट के सामने रखने वाले नजीर भी बताए। कोर्ट ने दोनों पक्षों का तर्क और दलीलें सुनने के बाद आरोपियों की जमानत खारिज कर दी।
बता दें कि विगत 02 जनवरी 2025 को जिले की थाना हरदत्त गिरंट पुलिस और एसओजी टीम ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। मामले में हरदत्त नगर गिरंट पुलिस व एसओजी टीम ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया था। जिनके कब्जे से असली व नकली नोट, नोट छापने के कागज, उपकरण व तमंचा तथा बाइक बरामद किया था।
गिरोह का सरगना मुबारक अली उर्फ नूरी बाबा मल्हीपुर के एक मदरसा का प्रबंधक भी है। जेल में निरुद्ध मुबारक अली उर्फ नूरी निवासी लक्ष्मनपुर गंगापुर थाना मल्हीपुर गिरोह का सरगना है। जिसके पांच बीवियां भी हैं। जो अलग अलग स्थानों पर रहकर नकली पैसे को चलाने का काम करती हैं। इसकी एक बीबी गंगापुर के मदरसा फैजुर्रनबी व दूसरी बहराइच शहर के जामिया नूरिया मस्जिद में शिक्षक है। जब जिला पुलिस उसे घेरती है तो नूरी बहराइच मदरसे में छिपता है। यही गंगापुर मदरसे के एक कमरे में नकली नोट छापता है। जो शाम को बाजार में या फिर कम रोशनी वाले स्थानों पर चलाता है। गिरोह में बहराइच के थाना पयागपुर के काशी जोत निवासी जमील अहमद, विशेश्वरगंज थाना क्षेत्र के सर्बदी निवासी धर्मराज शुक्ला, रामगांव थाना क्षेत्र के बेगमपुर निवासी रामसेवक व सोनवा थाना क्षेत्र के ककंधू गांव निवासी अवधेश कुमार पांडेय भी गिरफ्तार किए गए थे।
पाकिस्तान से संबंध होने के पुख्ता सबूत पुलिस को मिले
काशीजोत निवासी जमील अहमद पर पयागपुर थाने में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। मुबारक अली पर गोंडा के खरगूपुर, बहराइच के रुपईडीहा में एक एक व मल्हीपुर में दो आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। दौरान पुलिस ने बताया था कि आरोपी मुबारक अली नकली नोट बनाने में उच्च कोटि का कागज इस्तेमाल करते थे। जिसे लैपटॉप व प्रिंटर के सहारे निकालते थे। जिसे बाद में कम रोशनी वाले स्थान व कम पढ़े लिखे लोगों, फल सब्जी की दुकानों व ढाबली पर चलाते थे। इस काम में नूरी की पत्नियां भी शामिल थी। साथ ही नूरी बाबा के सोशल मीडिया फेसबुक एकाउंट पर बंगलादेश और पाकिस्तान से भी संबंध होने के पुख्ता सबूत पुलिस को मिले थे।