यहां RBI की गाइडलाइन नहीं मानते बैंक, सिक्के लेने से कर रहे इंकार

अब आज फिर ऐसा मामला संज्ञान में आया है तो आज ही आदेश जारी करूंगा कि ऐसा काम कोई भी न करे। ये तो बैंक की मनमानी की श्रेणी में आता है

Update:2020-10-23 20:20 IST
देश का ये एक ऐसा जिला जहां के बैंक भारत सरकार को नहीं मानते हैं। इन बैंकों के लिए केंद्रीय बैंक (आरबीआई) की गाइड लाइन को कोई मतलब नहीं है।

सिद्धार्थनगरः देश का ये एक ऐसा जिला जहां के बैंक भारत सरकार को नहीं मानते हैं। इन बैंकों के लिए केंद्रीय बैंक (आरबीआई) की गाइड लाइन को कोई मतलब नहीं है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल ये हैं कि भारत सरकार द्वारा जारी किये गए एक, दो, पांच और दस रुपये की सिक्कों के रूप में चलन में लाई गई मुद्रा का कोई मतलब नहीं है।

जिले के बैंकों द्वारा ग्राहकों से एक, दो, पांच और दस रुपये मूल्य के सिक्के नहीं लिए जाने की शिकायतें अक्सर मिलती रहती हैं। ताजा मामला जिला मुख्यालय का है यहाँ का एक व्यवसायी जो छोटी दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है उससे जुड़ा हुआ है।

 

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हालात पर रो दिया

व्यवसायी का दर्द यह है कि इसके पास इसकी जो भी पूंजी है वो सिक्कों में है। अब ये सिक्के न तो बैंक ले रहा है और न ही कोई और। ऐसे ये मजबूर व्यवसायी अपने हालात पर फफक कर रो दिया।आखिर बैंक किसके आदेश से सिक्के लेने से मना कर रहा है। बैंक का कोई भी जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नही है। वही इस मामले में जिले के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि ऐसा मामला पहले भी आया था ।

 

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मामला संज्ञान में आया

कुछ दिनों पहले उस समय मैने उधोग बंधु की मीटिंग के बाद आदेश दिया था कि कही भी कोई सिक्का लेने से मना नही करेगा। अब आज फिर ऐसा मामला संज्ञान में आया है तो आज ही आदेश जारी करूंगा कि ऐसा काम कोई भी न करे। ये तो बैंक की मनमानी की श्रेणी में आता है कि पैसा गिनना न पड़े इसलिए न लो। सिक्के गिनने में समय लगता है यही वजह है कि वेमना करते हैं लेकिन सिक्का न लेना गलत है और मैं अपील भी करता हूं कि अगर कोई सिक्का नहीं लेता है तो इसकी जानकारी मुझे भी लोग दे सकते हैं।

 

इंतजार हैदर रिपोर्टर

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