Siddharthnagar News: संविदा विद्युत कर्मियों ने निकाला कैंडल मार्च, मांगो लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

Siddharthnagar News: नकुल चौधरी ने कहा जो सुविधा नियमित कर्मचारियों को मिल रही है। वही, सुविधा आउटसोर्सिंग या संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को मिलनी चाहिए।

Report :  Intejar Haider
Update:2023-10-31 11:02 IST
कैंडल मार्च निकालते संविदा विद्युत कर्मचारी (न्यूजट्रैक)

Siddharthnagar News: जिला मुख्लायल पर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ बैनर तले सोमवार को सैंकड़ों की संख्या में संविदा विद्युत कर्मियों ने शहर में कैंडल मार्च निकाला। विद्युत संविदा कर्मचारियों का कैंडल मार्च विद्युत कार्यालय से शुरू होकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक गया। इस दौरान सैकड़ो की संख्या में संविदा कर्मचारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इन लोगों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्ट्रेट पहुंचकर एसडीएम सदर को सौंपा।


संघ के पूर्वांचल उपाध्यक्ष नकुल चौधरी ने कहा कि पिछले कई वर्षों से विद्युत विभाग में आउटसोर्सिंग या संविदा पर कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में किया जाने वाला हर काम खतरे से भरा होता है, इसलिए हम लोगों को भी एक समान कार्य का एक समान वेतन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो नियमित कर्मचारी हैं उन्हें इस काम का अगर 30 हज़ार मिलता है तो हम संविदा कर्मचारियों को उसका 10 से 12 हज़ार मिलता है।  उन्होंने कहा कि यह असमानता हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


नकुल चौधरी ने कहा जो सुविधा नियमित कर्मचारियों को मिल रही है वही सुविधा आउटसोर्सिंग या संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को मिलनी चाहिए। पूर्वांचल उपाध्यक्ष ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर वे लोग आवाज उठाते रहते हैं। अभी पिछले दिनों अपनी मांगों को लेकर जो धरना प्रदर्शन किया गया था। उसमें भी सरकार ने मनमानी रवैया से लोगों को पनिश किया था। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन में नियमित सरकारी कर्मचारियों के साथ संविदा के लोग शामिल थे। लेकिन, जो पनिशमेंट दिया गया वह सिर्फ संविदा कर्मचारियों को ही दिया गया । ऐसा सौतेला व्यवहार हम लोगों के साथ क्यों किया जा रहा है। अपने आगे की रणनीति के बारे में पूर्वांचल उपाध्यक्ष नकुल चौधरी ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम पांचवें चरण का कार्यक्रम था अब छठवें चरण में 6 तारीख को लखनऊ में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। वहां पर शीर्ष नेतृत्व का जो भी निर्णय होगा उसके अनुसार आगे आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। 

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