Siddharthnagar: अभिमुखीकरण कार्यक्रम में शिक्षकों को किया प्रशिक्षित, नई शिक्षा नीति पर दी जानकारी
Siddharthnagar News: डुमरियागंज क्षेत्र के बनगवां बरई स्थित जामिया इस्लामिया खैरुल उलूम के सभागार में दो दिवसीय शिक्षक अभिमुखीकरण कार्यक्रम का समापन रविवार को हो गया।
Siddharthnagar News: डुमरियागंज क्षेत्र के बनगवां बरई स्थित जामिया इस्लामिया खैरुल उलूम के सभागार में दो दिवसीय शिक्षक अभिमुखीकरण कार्यक्रम का समापन रविवार को हो गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति, शिक्षण विधियों, वर्तमान युग में मदरसों के समक्ष चुनौतियां, आधुनिक शिक्षा की महत्ता आदि विषयों पर विस्तार से व्याख्यान दिया। खैर टेक्निकल सोसाइटी की ओर से आयोजित उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डायट श्रावस्ती के प्रवक्ता इरशाद अहमद ने कहा नई शिक्षा नीति न केवल सरकारी विद्यालयों बल्कि मदरसों पर भी लागू है। अब शिक्षकों को बच्चों के समग्र विकास पर पूरा ध्यान केंद्रित करना है। सबसे प्रभावी शिक्षण विधि बालकेंद्रित होती है, जिसमें बच्चे के रूचि को देखते हुए शिक्षा प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मदरसों को दीनी शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों को समाहित करते हुए वैश्विक भाषा अंग्रेजी व कम्प्यूटर की शिक्षा भी ध्यान देते हुए व्यवासायिक, तकनीकी शिक्षा से जोड़ना चाहिए। शिक्षकों को परंपरागत शिक्षा के साथ ही नई तकनीकी के माध्यम से शिक्षण विधा अपनाना चाहिए। अंत में रुचि पूर्ण शिक्षा पर भी बल दिया गया। कार्यक्रम में स्थानीय शिक्षकों द्वारा पूछे गए सवालों का भी समाधान किया गया। कर्यक्रम में प्रबंधक डा.फैजान अहमद ने कहा शिक्षा विधि में तकनीकी के प्रयोग से तमाम चीजे बच्चे सरलता से सीखते हैं।
इस मौके पर ई.इरशाद अहमद ने कहा शिक्षक भविष्य निर्माता होता है। मदरसों के शिक्षकों की बदलते परिवेश में अब महत्ता बढ़ गई। कार्यक्रम में तालीमी बेदारी के प्रांतीय अध्यक्ष सगीर खाकसार ने कहा कि अभिमुखीकरण कार्यकम्रम से शिक्षक प्रभावी ढंग से कैसे बच्चों को पढ़ाएं इसका आत्मसात किया जाना आवश्यक है। इस मौके पर मोईद अहमद, रियाज़ अहमद, अब्दुल गनी, जमाल अहमद, अब्दुल्लाह, तौफीक अहमद, फैजान अहमद, फखरुददीन आदि बड़ी संख्या में महिला शिक्षकों ने भी प्रभावी शिक्षण विधि में भाग लिया।