MODI के काम का साइड इफेक्ट, केंद्र में IAS अफसरों की हो सकती है कमी

Update: 2016-07-27 07:32 GMT

लखनऊ: अब तक केंद्र सरकार में इम्पैनलमेंट और तैनाती को लेकर आईएएस अफसरों में होड़ लगी रहती थी। पर अब इसे मोदी सरकार के काम-काज का साइड इफेक्ट ही कहेंगे कि केंद्र में तैनाती को लेकर अफसर कतरा रहे हैं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से बच रहे हैं।

इसके पीछे सबसे बड़ी वजह सरकार का वह 360 डिग्री प्रोफाइलिंग टेस्ट बताया जा रहा है, जिसे हाल के दिनों में सार्वजनिक किया गया है। जिसमें यूपी के सात अफसरों को केंद्र में सचिव पद पर इम्पैनलमेंट से डिबार किया गया है।

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ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर आवेदन में अफसरों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी

बीते दिनों विभिन्न केंद्रीय विभागों में ज्वाइंट सेक्रेटरी के करीबन दर्जन भर पदों पर डेपुटेशन के जरिए नियुक्ति के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (D0PT) ने आवेदन मांगे थे। उत्‍तर प्रदेश आईएएस एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि अधिकांश पदों के लिए आवेदन ही नहीं किए गए हैं। यह बताता है कि आईएएस अफसरों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को लेकर रूचि में कमी आई है।

यह भी हो सकते हैं कारण

उनका कहना है कि इसके अलावा हाल के दिनों में केंद्रीय मंत्रालयों में तैनात अधिकारियों के तबादले भी हुए हैं। उनके विभाग बदले गए हैं। डेपुटेशन को लेकर अधिकारियों में अरूचि का यह भी एक कारण हो सकता है।

-अमूमन राज्य में चुनाव के माहौल को देखते हुए अफसर डेपुटेशन पर जाना पसंद करते हैं।

-यूपी में चुनाव नजदीक है। फिर भी अफसर डेपुटेशन पर जाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

-ऐसे हालात में केंद्रीय विभागों में अफसरों की कमी हो सकती है।

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