Sitapur News: किसान नेता ने की सड़क में भ्रष्टाचार की शिकायत, पीडब्ल्यूडी के जेई ने दर्ज करा दिया मुकदमा

Sitapur News: सीतापुर में महोली से बड़ागांव में बनी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। सड़क को बने महज चंद दिन ही हुए थे कि सड़क हाथ से उकेरने पर ही पूरी तरह से उखड़ गई। आरोप है कि सड़क को बनाने में ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने जमकर गोलमाल किया।

Update: 2023-05-18 18:10 GMT
Farmer leader Gurupal Singh alleges corruption in road construction

Sitapur News: यूपी के सीतापुर में पीडब्ल्यूडी विभाग का अजब-गजब भ्रष्टाचार का कारनामा सामने आया है। सीतापुर में महोली से बड़ागांव में बनी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। सड़क को बने महज चंद दिन ही हुए थे कि सड़क हाथ से उकेरने पर ही पूरी तरह से उखड़ गई। आरोप है कि सड़क को बनाने में ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने जमकर गोलमाल किया। इसके बाद ग्रामीणों की शिकायत पर वहां पहुंचे किसान नेता गुरुपाल सिंह ने सड़क को हाथ से उकेर कर देखा तो सड़क उखड़ गई। जिसके बाद वीडियो के माध्यम से मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई गई। वहीं जेई व ठेकेदार ने मिलकर उल्टा ही भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किसान नेता गुरुपाल सिंह व एक अन्य पर इमलिया सुल्तानपुर थाने में केस दर्ज करा दिया है। जिसके बाद ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि आखिर भ्रष्टाचार की शिकायत करना किसान नेता को महंगा पड़ गया। फिलहाल भ्रष्टाचार की सड़क का यह कथित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं जब इस बारे में अधिकारियों और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात करनी चाही गई तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ इनकार कर दिया। फिलहाल किसान नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

महोली-बड़ागांव की सड़क जब बन रही थी, तो गांव के लोग इस सुविधा को लेकर काफी खुश थे कि अब उन्हें जर्जर मार्ग से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी। सड़क बन तो गई लेकिन हाथ से ही छूने पर इसके उखड़ने लगने से लोगों को भरोसा नहीं है कि यह ज्यादा दिन समतल रहेगी। दूसरी तरफ उनकी आवाज उठा रहे किसान नेता पर मुकदमा हो जाने से उनमें और ज्यादा नाराजगी फैल गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि अगर किसान नेताओं से मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो वह विरोध-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। प्रशासन को ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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