वाराणसीः बीएचयू के महामना कला वीथिका में जापान के धरोहरों की प्रदर्शनी और स्मार्ट-सिटी लोगो का अनावरण किया गया। यूनेस्को द्वारा जापान के विश्व धरोहरों में शामिल स्थलों को मियोशी काजियोशी के छायाचित्रों की प्रदर्शनी ”अहिवासी कला वीथिका“ में आयोजित की गई। इसका उद्घाटन काशी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो॰ गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने किया। इसमें विशेष रूप से ”क्योटो कार्नर“ के माध्यम से जापान की धार्मिक, आध्यात्मिक एवं प्राकृतिक चित्रों के अलावा अन्य प्रमुख स्थलों को दर्शाया गया है।
नगर निगम एवं दृश्यकला संकाय के सौजन्य से स्मार्ट सिटी के ‘लोगो’ का अनावरण कुलपति द्वारा किया गया। ‘लोगो’ की परिकल्पना संकाय प्रमुख प्रो॰ हीरालाल प्रजापति ने की है और लोगो को डिजाईन किया है वाराणसी के ही मशहूर ग्राफ़िक डिज़ाइनर और फोटोग्राफर मनीष खत्री ने। कुलपति प्रो॰ गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने स्मार्ट-सिटी को एक नए नजरिये से देखने की सलाह दी जहां बहू-बेटियां सुरक्षित एवं सम्मानित महसूस कर सकें। हमें दूसरे की बहन-बेटियों को भी अपने जैसा समझना होगा और अनाचार के विरुद्ध आवाज भी उठानी होगी। शिक्षकों, विद्यार्थियों को भी अपने कार्यों के प्रति सचेत होना होगा। शहरवासियों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास करना होगा। जिससे अनादिकाल से चली आ रही काशी भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप खरा उतर सके।
मेयर ने मांगा सहयोग
इस अवसर पर रामगोपाल मोहले ने स्मार्ट-सिटी बनने में आ रही दिक्कतों पर प्रकाश डालते हुए जनता एवं प्रशासनिक सहयोग की अपेक्षा की। मिसाको फुट्सुकी, निदेशक कला एवं संस्कृति विनिमय नई दिल्ली शालिनी, समन्वयक ‘जापान फाउण्डेशन’ नई दिल्ली, विशेष रूप से उपस्थित रहीं। इसके अलावा शहर के मेयर रामगोपाल मोहल्ले भी मौजूद रहे। प्रदर्शनी में कुछ 68 छायाचित्रों में 25 चित्र हेरिटेज शहर ‘क्योटो’ जापान के हैं।
बाएं से दायें- बीएचयू के वीसी जीसी त्रिपाठी, वाराणसी के मेयर रामगोपाल मोहिले और लोगो डिजाइन करने वाले मनीष खत्री प्रदर्शनी का उदेश्ययह प्रदर्शनी 18 मार्च तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य क्योटो की संस्कृति से काशीवासियों को रूबरू कराना। इसके साथ ये प्रदर्शनी वर्तमान काशी की समस्याओं का नीतिसंगत समाधान क्या होगा? समझने में सहायक होगा। कुलपति ने महामना दीर्घा में चल रही एम॰एफ॰ए॰ प्रथम वर्ष के छात्रों की कला प्रदर्शनी दृश्यांकन-3 का अवलोकन करते हुए स्टूडेंट्स के चित्रों का सही स्थान एवं उनका सही मूल्यांकन के अवसर को तलाशने का निर्देश दिया।साथ ही आपने कम संसाधन के बावजूद संकाय की उपलब्धियों पर प्रशंनता व्यक्त की तथा संकाय के उत्थान के लिए हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन भी दिया। जिससे संकाय इस शताब्दी की अपेक्षाओं के अनुरूप अग्रसर हो और महामना की आकांक्षाओं के अनुरूप प्रतीचि-प्राची के समन्वय से पुष्पित-पल्लवित हो सके।
इस अवसर पर नगर निगम द्वारा आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं लोगो डिजायन प्रतियोगिता में पुरस्कृत प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। नगर आयुक्त हरिशाही ने यहां के संतों, लेखकों, कलाकारों एवं विभूतियों आदि के लिए विशेष पथ को कलाकारों के सहयोग से कराने की इच्छा व्यक्त की। नगर की सीवेज सिस्टम साॅलिट-वेस्ट को व्यर्थ नहीं समझकर उसके लिए व्यावसायिक विकल्प सोचने की बात कही।