रामपुर: रामपुर के सोशल और आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान का यूपी के कद्दावर मंत्री आजम खान पर गंभीर आरोप लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी ने यूपी के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन को लेटर लिखकर इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
दानिश खान ने यूएन के अलावा प्रेसी़डेंट प्रणब मुखर्जी और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी ये लेटर लिखा था। प्रेसीडेंट ऑफिस ने लेटर मिलते ही तुरंत इस मामले में यूपी के चीफ सेक्रेटरी से जवाब-तलब किया।
नीचे सुनिए, सोशल एक्टिविस्ट ने लगाए क्या आरोप ?
कौन हैं दानिश खान ?
-जिला रामपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र में रहने वाले दानिश खान समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट हैं।
-वाल्मीकि बस्ती को उजाड़ने के विरोध में निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर जिला रामपुर पहंचे थे और उन्होंने बस्तीवासियों को कानूनी सहायता पहुंचाने का ऐलान किया था।
-इसमें दानिश खान ने भी हिस्सा लिया था।
इस तरह हुए देश छोड़ने को मजबूर
-दानिश का कहना है कि अमिताभ और नूतन ठाकुर का साथ देने और लोगों की आवाज उठाने की वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
-दानिश ने कहा-सत्ता का दुरुपयोग कर आजम खान ने मुझे जेल भिजवा दिया। दस महीने तक मुझे जमानत नहीं दी गई।
-इस सदमे की वजह से मेरी मां और बहन की मौत हो गई। उनके इंतकाल पर भी पैरोल नहीं दिया गया।
-दानिश खान ने कहा-मैंने आजम के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़ी, लेकिन कहीं से भी न्याय नहीं मिला।
-मैंने प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट तक से गुहार लगाई, लेकिन न्या नहीं मिला।
-इसलिए मजबूर होकर मैंने यूएन को लेटर लिखा। उनसे भारत की नागरिकता खत्म करने और शरण देने की अनुमति मांगी है।
-जिस देश में न्याय ना मिले वहां मैं रहना नहीं चाहता।
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फिर दर्ज कराया केस
हाल ही में ठाकुर दंपत्ति ने वाल्मीकि बस्ती का दोबारा दौरा किया है।
इस वजह से अमिताभ, नूतन और दानिश के खिलाफ सोनू कठेरिया नाम के शख्स ने केस दर्ज कराया है।
-इन पर लोगों को आजम के खिलाफ धर्म और जाति के नाम पर भड़काने का आरोप लगाया है।