INTERVIEW: ढाई गुना बढ़ेगी कल्याण योजनाओं की राशि, नवोदय की तर्ज पर चलेंगे आश्रम पद्धति विद्यालय
अभी तक छात्रों तथा वृद्धों को 400 रूपये प्रतिमाह धनराशि दी जाती थी। भाजपा के संकल्प पत्र के अनुसार सहायता धनराशि को ढाईगुना बढ़ा कर 1000 रूपये प्रतिमाह करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास प्रस्तुत किया है जिसे शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
लखनऊ: प्रदेश में बनी भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार को काम करते हुए अभी एक माह भी नही हुआ कि हर विभाग के कार्यो में ऐसी तेजी आयी है जैसे 5 वर्ष का काम 5 माह में ही पूरा करना है। योगी सरकार के सभी मंत्री अपने विभाग के कार्यो को तेजी से निपटाने में लगे हैं ताकि मुख्यमंत्री के समक्ष उनकी अच्छी छवि बनकर उभरे। इसी क्रम में 'न्यूजट्रैक.कॉम' और 'अपना भारत' के लिए प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री से वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर पंकज की वार्ता हु़ई।
न्यूजट्रैक.कॉम- प्रदेश की बड़ी और गरीब आबादी के हिसाब से समाज कल्याण की तमाम योजनाओं को संचालित करने की जिम्मेदारी आपके विभाग पर है। इसमें आपकी प्राथमिकता क्या है?
रमापति शास्त्री- मेरे विभाग में सबसे बड़ा कार्य अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीब छात्रों को छात्रवृति तथा वृद्धा पेंशन देना है। इसमें लगभग 75 से 80 लाख छात्रवृति है। तो लगभग 60 लाख वृद्धों को पेंशन देने की जिम्मेदारी है। अभी तक छात्रों तथा वृद्धों को 400 रूपये की प्रतिमाह की धनराशि दी जाती थी। वर्तमान महंगाई की स्थिति को देखते हुए यह धनराशि बहुत ही कम है। भाजपा के संकल्प पत्र के अनुसार मैने अधिकारियों से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मंगाकर सहायता धनराशि को ढाईगुना बढ़ा कर 1000 रूपये प्रतिमाह करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास प्रस्तुत किया है जिस पर राज्य की वित्तीय हालत को देखते हुए शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
न्यूजट्रैक.कॉम- छात्रवृत्ति में भारी घोटाले तथा वृद्धा पेंशन अपात्रों को दिये जाने की तमाम लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं। इसके लिए सही पात्रों का चयन हो, इसके लिए विभागीय स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही है।
रमापति शास्त्री- प्रदेश में योगी सरकार बनते ही इन शिकायतों की जांच के लिए विभागीय स्तर पर अधिकारियों की एक टीम का गठन कर दिया गया था। इसकी रिपोर्ट के अनुरूप कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। अपात्रों को सूची से बाहर कर अब सही लोगों को ही यह धनराशि दी जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गयी है जिससे किसी बिचौलिए को गरीबों का हक मारने का मौका नही मिलेगा।
न्यूजट्रैक.कॉम- आश्रम पद्धति विद्यालयों की स्थिति अत्यन्त दयनीय है। उसमें सुधार के लिए सरकार क्या कर रही है?
रमापति शास्त्री- प्रदेश में 104 आश्रम पद्धति विद्यालय चल रहे हैं। इनमें 35 हजार छात्र आवासीय स्तर पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यालयों में प्रवेश के साथ ही उनका पूरा खर्चा विद्यालय उठाता है और उसे राज्य सरकार से अनुदान मिलता है। इन विद्यालयों के भवनों तथा हॉस्टलों के रखरखाव तथा शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए आमूल चूल परिवर्तन करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए राज्य सरकार अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराएगी। इन विद्यालयों को राज्य सरकार केन्द्र के नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर चलाने की कार्य योजना बना रही है। आश्रम पद्धति विद्यालयों से प्रदेश के अनुसूचत एवं गरीब परिवारों के 5 करोड़ परिवार लाभान्वित हो रहे हैं जिसे बढ़ा कर 15 करोड़ परिवारों को लाभान्वित करने की योजना है। अभी 16 जिलों में कोई विद्यालय नहीं है। इन जिलों में अगले वर्षो के बीच 25 और आश्रम पद्धति विद्यालय बनाने की योजना है।
न्यूजट्रैक.कॉम- कोचिंग संस्थानों की स्थिति क्या है?
रमापति शास्त्री- प्रदेश के अनुसूचित जाति/जनजातियों तथा गरीब मेधावी बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए 7 शहरों में कोचिंग संस्थान चल रहे हैं। जिसमें 300 छात्रों को कोचिंग देने की व्यवस्था है। इसमें चयनित छात्रों का प्रशिक्षण अवधि तक पूरा खर्चा सरकार उठाती है। कोचिंग को उच्चस्तरीय बनाने के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जाएंगी। इनमें दो संस्थान लखनऊ में भागीदारी भवन तथा आदर्श महिला संस्थान हैं, तो अन्य कोचिंग इन्स्टीट्यूट अम्बेडकर नगर, हापुड़, अलगीढ़, आगरा, वाराणसी तथा इलाहाबाद में हैं।