Sonbhadra News: ग्राम पंचायतों में आपूर्ति की आड़ में लाखों का वारा-न्यारा, महज दस ग्राम पंचायतों की पड़ताल में सामने आई ढेरों गड़बड़ी

Sonbhadra News: सोनभद्र में सिर्फ सीमेंटेड बेंच ही नहीं, हैंडपंप मरम्मत, फर्नीचर आपूर्ति और स्ट्रीट लाइट आपूर्ति के नाम पर भी लाखों का वारा-न्यारा किए जाने की बात सामने आने लगी है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-05-02 15:11 GMT

Sonbhadra News: सोनभद्र में सिर्फ सीमेंटेड बेंच (cemented bench scam) ही नहीं, हैंडपंप मरम्मत, फर्नीचर आपूर्ति और स्ट्रीट लाइट आपूर्ति के नाम पर भी लाखों का वारा-न्यारा किए जाने की बात सामने आने लगी है। 60 ग्राम पंचायतों वाले चतरा ब्लाक के महज दस ग्राम पंचायतों (gram panchayats) की पड़ताल में जिस तरह की चीजें सामने आई हैं, उसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। कहा जा रहा है कि पूरे ब्लाक की जांच करा दी जाए तो करोड़ों का घपला सामने आ सकता है।

हैंडपंप मरम्मत के नाम महज एक से दो फर्मों के जरिए किस तरह से मलाई काटी गई है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021-22 में उक्त ग्राम पंचायतों में जहां पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, कंपोस्ट पिट, चबूतरा आदि के निर्माण सामग्री के रूप में जहां 4596884 रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं हैंडपंप मरम्मत के साथ ही समरसेबल, बोर पर 3556050 रुपये खर्च कर दिए गए हैं।

इससे भी दिलचस्प मसला यह है कि सामग्री आपूर्ति के नाम पर जहां एक महज फर्म को 3021039 रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं एक ही फर्म के नाम हैंडपंप मरम्मत सामग्री, समरसेबल, बोर, स्ट्रीट लाइट का काम दिखाकर 3074775 रुपये व्यय कर दिए गए हैं। वहीं बगैर टेंडर फर्नीचर-बेंच से जुड़ी आपूर्ति के नाम पर 1119358 का भुगतान किया जा चुका है। एक ही व्यक्ति के नाम पर कार्यों के मजदूरी भुगतान का मामला, अलग सामने आया है।

रिकर्ड बताते हैं कि मां अमरा इंटरप्राइजेज को डोमरिया, बभनगवां, केतार, किरहुलिया, ऐलाई, गिरिया, कोरियांव और नेवारी में हैडपंप मरम्मत सामग्री और कुछ जगहों पर समरसेबल वर्क के नाम पर 18,85,471 रुपये की धनराशि भुगतान की गई है। इसमें डोमरिया, बभनगवां, केतार ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जहां पांचवें और 15वें दोनों वित्त से हैंडपंप मरम्मत का भुगतान किया गया है। इसके अलावा सात ग्राम पंचायतों में रिबोर के नाम पर 6,11,804 रूपये तो दिए ही गए हैं, इसी फर्म से पांच ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट की आपूर्ति दिखाकर 5,77,500 रुपये की धनराशि अमरा इंटरप्राइजेज के खाते में भेजी गई है।

आन द रिकार्ड किसी और कंपनी की आपूर्ति और मौके पर किसी और कंपनी की स्ट्रीट लाइट स्थापित कर धनराशि बंदरबांट करने का आरोप लगाया जा रहा है। वहीं स्ट्रीट लाइट का टेंडर न कराना पड़े, इसके लिए कुछ ग्राम पंचायतों में आपूर्ति और भुगतान को दो टुकड़ों में बांटे जाने की भी जानकारी सामने आई है। रिबोर का भी हर ग्राम पंचायत में अलग दर से भुगतान किए जाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी तरह, हैंडपंप मरम्मत, समरसेबल वर्क के एवज में गौरव मशीनरी को पांच ग्राम पंचायतों में 3,33,893 और शिव मिल्स को तीन ग्राम पंचायतों में 1,47,382 रुपये का भुगतान हुआ है। गांवों में कराए गए सत्यापन में सामने आए कार्यस्थल बोर्ड के घपले के मामले में भी सात ग्राम पंचायतों में 1,89,000 भुगतान की जानकारी सामने आई है।

सामग्री आपूर्ति में भी एक फर्म को दी गई सबसे अधिक तरजीह

जिन दस ग्राम पंचायतों में किए गए भुगतान की जानकारी सामने आई हैं, उसमें आन द रिकार्ड आठ फर्मों से आपूर्ति ली गई लेकिन भुगतान पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा तरजीह जय बजरंग बली इंटरप्राइजेज को दी गई है। इस फर्म से सिर्फ पंचायत भवन ही नहीं, शौचालय, चबूतरा, कंपोस्ट पिट सहित हर छोटे-बड़े काम में आपूर्ति लिया जाना दिखाया गया है। इसके लिए इस फर्म को पिछले वित्तीय वर्ष में 30,21,039 रुपये भुगतान किए गए हैं। वहीं ओम जी बिल्डिंग मैटेरियल से महज 30844, श्रेयांश इंटरप्राइजेज से 301220, श्रीराम कंस्ट्रक्शन से 757887, बाबा बैजनाथ से 36905, श्रीकांत सिंह से 284647, श्रेयांश कंस्ट्रक्शन से 201247 की आपूर्ति-भुगतान दर्शाया गया है। वहीं प्रशासनिक व्यय के भुगतान में सबसे ज्यादा तवज्जो मेसर्स जय बजरंग को दी गई है। प्रशासनिक व्यय भुगतान के साथ ऐलाई में इस फर्म से मैटेरियल की आपूर्ति भी ले ली गई है।

बेंच घोटाले को लेकर सुर्खियों में रह चुकी फर्म से लिया फर्नीचर, प्राइवेट व्यक्ति से भी ली आपूर्तिः बेंच घोटोले को लेकर चर्चित फर्म ओम इंटरप्राइजेज से बभनगवां, भुसौलिया, केतार, डोमरिया और कोरियांव गांव में 866170 रुपये की सीमेंटेड बेंच की आपूर्ति लेने के साथ ही, भुसौलिया में 49120, गिरिया में 52200 की फर्नीचर सामग्री से जुड़ी आपूर्ति ली गई है। वहीं सकीब खान नाम व्यक्ति से ऐलाही, बभनगवां, डोमरियां, केतार में कुर्सी-मेज दरी की आपूर्ति दिखाते हुए 151808 का भुगतान किया गया है।

मजदूरी भुगतान के नियमों की भी खूब उड़ाई गई धज्जी

चोपन ब्लाक में ग्राम पंचायतों के जरिए परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प में मजदूरी भुगतान एक व्यक्ति के खाते में करने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ पाया था कि चतरा ब्लाक के भी ग्राम पंचायतों में इसी तरह का खेल खेले जाने की जानकारी सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। किरहुलिया में पंचायत भवन चारदिवारी की 55752 रुपये की मजदूरी नवीन नामक व्यक्ति के खाते में भेजी गई है। भुसौलिया में इंटरलाकिंग की 20304 रुपये मजदूरी का भुगतान विमलेश को किया गया है। वहीं सुजीत कुमार के खाते में 67222 रुपये मजदूरी भेजी गई है। केतार में कंपोस्ट पिट की मजदूरी 33336 रुपये महज दो व्यक्तियों के खाते में भेज दी गई है। डोमरिया में तीरथराज को 42600, विमलेश को 18870 रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है।

अधिकारियों का मिले निर्देश तो की जाए जांच

एडीओ पंचायत चतरा सुधाकर राम कहते हैं कि जिस तरह से बेंच घोटाले की जांच का आदेश मिला था। उसी तरह से अगर फर्नीचर आपूर्ति आदि के जांच का आदेश मिलता है तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं ग्राम पंचायत अधिकारी घनश्याम का कहना था कि उनकी तैनाती से पहले से जिस फर्म से जिस रेसियो में आपूर्ति ली जा रही थी, उसी क्रम में आपूर्ति ली गई है। जहां तक मजदूरी का मामला है तो इस बारे में अभी वह कुछ नहीं बता सकते। उनकी जानकारी में किसी ग्राम पंचायत में कुर्सी-मेज, दरी की खरीद नहीं हुई है। उनसे पहले खरीद-भुगतान हुआ हो तो वह नहीं बता सकते।

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