Sonbhadra News- सोनभद्र की बेटियों को मिला न्याय, दुष्कर्मियों को कोर्ट ने सुुनाई कठोर सजा
सोनभद्र की दो बेटियों को लम्बे इंतज़ार के बाद मिला इन्साफ , अदालत ने दोषियों को सुनाई अर्थदंड के साथ सज़ा
Sonbhadra news:- सोनभद्र में साल 2012 व 2013 में दो बेटियों के साथ दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया, वहीं लम्बे इंतज़ार के बाद आज दोनों ही बेटियों को अदालत से इन्साफ मिला है. बताते चले साल 2012 में 10 वीं की छात्रा का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था वही साल 2013 में 10 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई बताते चलें सोनभद्र की जिला अदालत में आज अलग-अलग वर्षों में आए दोनों ही मामले में सत्र न्यायाधीश ने दोषियों को अर्थदंड समेत सजा सुनाई है।
क्या है मामला
राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में 31 जनवरी 2012 को तहरीर देकर बताया था कि उसकी बेटी हाईस्कूल की छात्रा है। वह 15 जनवरी 2012 को राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित अपने ननिहाल गई थी। वहां से वह स्कूल चली गई। रास्ते म़े खेखड़ा गांव निवासी कौशल पुत्र रामलगन ने उसका अपहरण कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। एक फरवरी को छात्रा राबर्ट्सगंज बस स्टेशन के पास से बरामद कर ली गई। आरोपी भी गिरफ्तार कर लिया गया। विवेचना पूरी होने के बाद न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर कौशल को दुष्कर्म का दोषी पाते हुए 10 साल की कैद और 40 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित रहेगी। साथ ही पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि मिलेगी। सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश तिवारी ने अभियोजन पक्ष की पैरवी की।
आठ साल पूर्व 2013 में 10 साल की बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने 20 साल के कारावास की सजा सुनाई है। बुधवार को पारित किए गए फैसले में दोषी किशन को 50 हजार रुपये अर्थदंड भी देने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने पर एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। न्याय मिलने के बाद पीड़ित पक्ष ने अदालत के फैसले की सराहना की है। कहा कि इससे न्याय और कानून की मंशा को मजबूती मिलेगी। बताते चलें कि बीजपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2013 में 10 साल की बालिका के साथ बेरहमी से दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया था। पीड़िता के पिता की तरफ से थाने में 24 जून 2013 को दी तहरीर में बताया गया था कि उनका बैल खो गया था, जिसे ढूंढ़ने के लिए वह, उनकी पत्नी और बेटी अलग-अलग क्षेत्रों में निकली थी। बैल ढूंढने के दौरान बीजपुर थाना क्षेत्र के खम्हरिया गांव निवासी किशन औतार पुत्र राम लोहार लड़की से रास्ते में मिला। उसने उससे वहां आने का कारण पूछा। बालिका ने बताया कि उसका बैल गो गया है। उसी को वह ढूंढ़ रही है। इस पर आरोपी ने उससे कहा कि उसका बैल जंगल में गिरा हुआ है। उसके उपर विश्वास करके पीड़िता उसके साथ जंगल में चली गई। जंगल में पहुंचने के बाद उसने उस से दबोच लिया और उसके साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया। इसके चलते वह बेहोश हो गई। आरोपी उसी हाल में उसे वहां से छोड़ कर भाग गया। कुछ देर बाद बैल ढूंढ़ती हुई उसकी मां जब वहां पहुंची तो बेटी की हालत देख सन्न रह गई। वहां से उसे उठाकर घर ले आई। यहां कुछ देर बाद होश में आने पर मां को पूरी घटना की जानकारी दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म की धारा और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश की।
दोषियों को मिली सज़ा
दोनों ही वर्षों में हुए दुष्कर्म के अलग-अलग मामलों में आज सोनभद्र की जिला अदालत ने आरोप तय करते हुए दोषियों को सजा सुनाई है 10वीं की छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी कौशल को 10 साल की कैद और ₹40000 का अर्थदंड वही 10 वर्ष की किशोरी के साथ दुष्कर्म करने वाले किशन औतार को 20 वर्ष की कैद व ₹50000 का अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। पीड़ित परिवारों को मिले इंसाफ के बाद उन्हें अब काफी सुकून मिला है वहीं उन्होंने दोषियों को दी जाने वाली सजा पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह न्याय की जीत है।