Sonbhadra: मैनेजर पर FIR, जेई को निलंबित करने का निर्देश, प्रसूताओं को एंबुलेंस न उपलब्ध कराने पर डीएम का बड़ा एक्शन

Sonbhadra: डीएमएफ की धनराशि का दुरुपयोग पाए जाने पर जेई को निलंबित करने का निर्देश दिया है।

Update:2023-02-27 22:47 IST

Sonbhadra: 100 शैय्या शिशु स्वास्थ्य विंग और जिला संयुक्त चिकित्सालय लोढ़ी में आने वाली प्रसूताओं को समय से एंबुलेंस न उपलब्ध कराए जाने को लेकर डीएम चंद्र विजय सिंह ने बड़ा एक्शन लिया है। इसको लेकर जहां 100 शैय्या शिशु स्वास्थ्य विंग के मैनेजर के खिलाफ जहां एफआईआर के निर्देश दिए हैं। वहीं, डीएमएफ की धनराशि का दुरुपयोग पाए जाने पर जेई को निलंबित करने का निर्देश दिया है।

जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह ने सोमवार को सबसे पहले 100 शैय्या शिशु स्वास्थ्य विंग का औचक निरीक्षण किया। शिशुओं के स्वास्थ्य सुविधा व उनकी देख-रेख, एम्बुलेंस सेवा के रजिस्टर को देखा। एम्बुलेंस के रोस्टर से मिलान किया तो यह पाया कि एम्बुलेंस के संचालन ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है। प्रसव जैसे केसों में शिथिलता बरती जा रही है। शिशुओं के देख-रेख की समुचित व्यवस्था नहीं पाई गई। इस पर नाराजगी बरतते हुए डीएम ने जहां मैनेजर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

अनुपस्थित कर्मचारियों से मांगा स्पष्टीकरण

जिलाधिकारी ने प्रसव कक्ष के निरीक्षण के दौरान पाया कि अस्पताल में माताओं और शिशुओं के तीमारदारों को बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है, जिस पर उन्होंने संबंधित को आवश्यक प्रबन्ध करने के निर्देश दिए, जिससे मरीजों के परिजनों को कोई परेशानी न होने पाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने जब प्रसूति महिलाओं को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधा की जानकारी ली तो पता चला कि प्रसूताओं को एक दिन में दो बार के बजाय एक ही बार देख-भाल/स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इस पर संबंधित को निर्देशित किया कि अपने कार्यों में सुधार लाएं अन्यथा की दशा में जिम्मेदारी तय करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ड्यूटी में लगे चिकित्सक, नर्स, वार्ड ब्वाय की ड्यूटी लिस्ट से मिलान कर जानकारी ली तो गार्ड राजीव पांडेय, प्रसन्न देव पांडेय अनुपस्थित पाये गए। इसको लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी को स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए।

मरीज ने की डॉक्टर की शिकायत

इसके बाद जिला संयुक्त चिकित्सालय लोढ़ी का निरीक्षण किया। इमरजेंसी कक्ष का निरीक्षण किया तो एक मरीज, जिसका पैर टूट गया है, ने शिकायत की कि प्लास्टर काटने के लिए पैसा मांगा जाता है। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित डाक्टर को बुलवाकर पुष्टि की तो मामला सही पाया गया। इस पर डाक्टर से पैसा मरीज को वापस कराया गया और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही के लिए सीएमओ को निर्देशित किया गया।

मरीजों को अस्पताल से ही उपलब्ध कराएं दवाएं- डीएम

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के साथ ही बेहतर व्यवस्था का प्रबंध किया जाए। एक महिला मरीज ने अस्पताल से बाहर की दवाओं को लिखने की शिकायत की। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित फार्मासिस्ट के खिलाफ चार्जशीट तैयार कराने के निर्देश दिए। निर्देशित किया कि मरीजों को अस्पताल से ही दवाएं उपलब्ध कराएं, अन्यथा कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यहां, डीएमएफ फंड से अस्पताल में कराए गए कार्यों का निरीक्षण किया, तो पाया कि जिस कार्य के लिए डीएमएफ की धनराशि खर्च किया जाना था, उस कार्य में धनराशि खर्च नहीं किया गया। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अवर अभियंता को निलंबित करने के निर्देश दिये।

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