Sonbhadra: फ्लोराइड-आयरन पीड़ित गांवों को मिलेगी बड़ी राहत, डीएम ने चौपाल लगा जानी ग्रामीणों की समस्याएं

Sonbhadra: इस दौरान कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार का भी वितरण कराया गया। साथ ही, इस दौरान ग्रामीणों की तरफ से जो शिकायतें-समस्याएं दर्ज कराई गईं, उसके समाधान को लेकर संबंधितों को जरूरी निर्देश दिए गए।

Update: 2023-01-18 12:28 GMT

Sonbhadra Fluoride Iron afflicted villages

Sonbhadra: फ्लोराइड तथा आयरन पीड़ित गांवों को राहत देने के लिए ग्रामीणों में रिमूवल किट वितरण का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। फ्लोराइड जनित फ्लोरोसिस के मामले में बेहद संवेदनशील माने जाने वाले कचनरवा गांव से बृहस्पतिवार को इसकी शुरूआत की गई। डीएम चंद्रविजय सिंह ने जहां कचनरवां गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं जानीं। वहीं उन्हें फ्लोराइड और आयरन से राहत के लिए फ्लोराइड-आयरन रिमूवल किट का वितरण किया। इस दौरान कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार का भी वितरण कराया गया। साथ ही, इस दौरान ग्रामीणों की तरफ से जो शिकायतें-समस्याएं दर्ज कराई गईं, उसके समाधान को लेकर संबंधितों को जरूरी निर्देश दिए गए।

डीएम चंद्रविजय सिंह का कहना था कि सोनभद्र के कई गांवों में फ्लोराइड और आयरन की अधिकता और इसके चलते ग्रामीणों को हो रही बीमारी को देखते हुए, इस तरह के कार्यक्रम का निर्णय लिया गया है। बताया कि अभी कचनरवा से इसकी शुरूआत की गई। उनकी कोशिश है कि जिले में जितने भी फ्लोराइड या आयरन की अधिकता से प्रभावित गांव हैं, वहां प्रत्येक ग्रामीणों को रिमूवल किट उपलब्ध हो जाए।

उन्होंने ग्रामीणों से इसके नियमित उपयोग की भी अपील की। कहा कि शुदध पेयजल एक ऐसा जरिया है, जिससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से स्थानीय समस्याओं को लेकर भी संवाद किया और मौके पर उपस्थिति अधिकारियों के साथ ही, अन्य संबंधितों को, मामले के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। फ्लोराइड-रिमूवल प्लांट कैसे काम करता है, वितरण स्थल पर इसका प्रदर्शन कर ग्रामीणों को जानकारी भी दी गई। इस दौरान सीडीओ सौरभ गंगवार, डीपीओ राजीव सिंह, डीपीआरओ विशाल सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही।

फ्लोराइड-आयरन से पीड़ित है सोनभद्र की लगभग आधी आबादी

सोनभद्र के भूजल में फ्लोराइड और आयरन की अधिकता प्रकोप इस तरह गहराया हुआ कि जिले की लगभग आधी आबादी, इस समस्या से पीड़ित है। जिला मुख्यालय क्षेत्र में आयरन की अधिकता लोगों की परेशानी का कारण बनी हुई है। वहीं दक्षिणांचल और ऊर्जांचल में फ्लोराइड की मार विकलांगत सहित कई गंभीर बीमारियां का शिकार बनाए हुए है। हालत यह है कि 372 गांवों के पानी में जहां फ्लोराइड की अधिकता प्रमाणित हो चुकी है। वहीं लगभग 26 गांव ऐसे हैं, जहां फ्लोराइड विकलांगता जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बनता जा रहा है।

निर्माणाधीन कार्यों का किया निरीक्षण, दिए निर्देश

डीएम चंद्रविजय सिंह ने कचनरवा कस्बे में जिला पंचायत कोटे से बन रही 800 मीटर लंबी निर्माणाधीन नाली का निरीक्षण किया। इस दौरान नाली का निर्माण कार्य अधूरा पाया गया। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने जहां कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश दिया। वहीं गुणवत्ता का भी ख्याल रखने की हिदायत दी।

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