Sonbhadra News: प्रसूता की सगी बहन और मां ने टीकाकरण के बहाने नवजात का किया सौदा

Sonbhadra News: जिला मुख्यालय पर प्रसव के बाद बच्चे को बेच देने के इस सनसनीखेज मामले में एक साल बाद तब प्राथमिकी दर्ज हुई, जब डीएम की तरफ से मामले में हस्तक्षेप करते हुए एफआईआर के निर्देश दिए गए।

Update:2023-03-01 19:29 IST

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Sonbhadra News: सोनभद्र में एक नवजात को जन्म के बाद ही बेच देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह आरोप किसी और पर नहीं, बल्कि बच्चे की मां की तरफ से अपनी मां, बहन और मौसी पर लगाया गया है। जिला मुख्यालय पर प्रसव के बाद बच्चे को बेच देने के इस सनसनीखेज मामले में एक साल बाद तब प्राथमिकी दर्ज हुई, जब डीएम की तरफ से मामले में हस्तक्षेप करते हुए एफआईआर के निर्देश दिए गए। प्रकरण में रायपुर पुलिस ने आईपीसी की धारा 363, 370 (4), 504 और 506 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। यह मामला इसलिए भी गंभीर है कि अभी कुछ दिन पूर्व जहां बच्चों की तस्करी से जुड़े दो मामले सामने आए थे। वहीं 2021 में 12 और 2022 में छह बाल तस्करी के ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें एफआईआर दर्ज कराई गई है।

चंदौली जिले के नेवाजगंज, शिकारगंज, चकिया निवासी जूली पत्नी सुजीत ने डीएम से गुहार लगाया था कि गत 22 नवंबर 2021 को देव हास्पीटल राबटर्सगंज में उसका आपरेशन से प्रसव कराया गया था। उसी दौरान उसके साथ उसकी मां श्रीपती, बहन सुशीला देवी निवासी बढ़ौली चैराहा, सरकारी आवास थाना राबटर्सगंज और उसकी मौसी श्रीदेवी निवासी मदारपुर, थाना अहरौरा, मिर्जापुर मौजूद थीं। जन्म के कुछ देर बाद ही तीनों बच्चे को टीका लगवाने की बात कहकर ले गए। जब उसने बच्चे के बारे में पूछा तो बताया कि उसकी तबियत खराब हो गई है और वह आईसीयू में भर्ती है। पांच-छह दिन बाद बताया गया कि बच्चा मर गया है। मामला संदिग्ध समझ में आने पर उसने एसपी चंदौली से गुहार लगाई। वहां से कोतवाली राबटर्सगंज को फोन किया गया जिस पर उसे बुलाकर जानकारी ली गई लेकिन बच्चे की बरामदगी के बारे में कार्रवाई नहीं की गई। इस पर उसने डीएम से गुहार लगाई, जिस पर डीएम की तरफ से मामला दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके क्रम में रायपुर थाने में पीड़िता की मां, बहन और मौसी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

हाल में ही सामने आया था कोख का सौदा

अस्पतालों में प्रसव के दौरान दलालों के जरिए कहीं, प्रसव पूर्व कोख का सौदा कर लेने तो कहीं प्रसव के बाद नवजात का सौदा करने के मामले तेजी से सामने आ रही है। अभी कुछ दिन पूर्व बीजपुर थाना क्षेत्र में, जन्म से पूर्व ही बच्चे का सौदा कर दिए जाने का मामला सामने आया था। बाल संरक्षण और बाल कल्याण समिति की टीम ने जहां पुलिस को साथ लेकर बच्चों को रेस्क्यू किया था। वहीं मामले में मध्यस्था की भूमिका निभाने वाली पड़ोसी महिला, खरीदार सहित बच्चे के पिता को जेल जाना पड़ा था। इससे पूर्व जिला मुख्यालय स्थित नित्या हास्पीटल से भी एक लावारिश बच्चा सामने आया था। नोटिस जारी होने के बाद, न तो अस्पताल प्रबंधन, न ही किसी की तरफ से बच्चे को लेकर दावा पेश किया गया, इसको लेकर सीएमओ को कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए गए लेकिन बच्चा कहां से आया, किसका था, बगैर मां-बा के अस्पताल में रखने के पीछे मंशा क्या थी, जैसी चीजें अब तक सामने नहीं आ सकी।

यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर लगातार हो रही कार्रवाई

डीएम चंद्रविजय सिंह ने जैसे ही मामला संज्ञान में आया, वैसे ही मामले में निर्देश देकर एफआईआर कराई गई। इस तरह के जो भी प्रकरण हैं, उसकी संजीदगी से जांच-पड़ताल के निर्देश दिए गए हैं। आगे किसी गरीब के साथ ऐसा न होने पाए, इसके लिए संबंधितों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। उधर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश खैरवार व ओआरडब्ल्यू शेषमणि दूबे ने बताया कि डीएम के निर्देशन में मानव तस्करी, खासकर नवजातों की तस्करी पर विशेष नजर रखी जा रही है। जहां भी इस तरह की शिकायत मिल रही है, तत्काल एक्शन लिया जा रहा है।

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